सुल्तानपुर: भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के खिलाफ सुल्तानपुर स्थित MP-MLA कोर्ट में दायर परिवाद की सुनवाई शुक्रवार को प्रभावित हुई। बार एसोसिएशन की हड़ताल के कारण अदालत में दूसरी गवाही दर्ज नहीं हो सकी। इस कारण विशेष मजिस्ट्रेट शुभम वर्मा ने अगली सुनवाई के लिए 19 फरवरी की तिथि तय की है।
डॉ. भीमराव आंबेडकर पर टिप्पणी से जुड़ा मामला
यह मामला गृहमंत्री अमित शाह द्वारा संविधान निर्माता डॉ. भीमराव आंबेडकर को लेकर की गई एक टिप्पणी से संबंधित है। धम्मौर थाना क्षेत्र के बनकेपुर सरैया गांव निवासी रामखेलावन ने यह परिवाद दायर किया है। उनका आरोप है कि 17 दिसंबर 2024 को संसद में अमित शाह ने कहा था, “आंबेडकर-आंबेडकर (छह बार दोहराया) एक फैशन बन गया है। अगर इतना नाम भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिलता।”
भावनाएं आहत होने का आरोप
परिवादी रामखेलावन का कहना है कि अमित शाह जिस संविधान के तहत गृहमंत्री बने हैं, उसी संविधान निर्माता के खिलाफ उन्होंने आपत्तिजनक टिप्पणी की। डॉ. आंबेडकर को करोड़ों गरीब व मजदूर भगवान मानते हैं, ऐसे में उनकी इस टिप्पणी से उनकी भावनाएं आहत हुई हैं। इसी आधार पर उन्होंने कोर्ट में परिवाद दाखिल किया।
पुलिस कार्रवाई नहीं करने पर कोर्ट का सहारा
रामखेलावन ने 24 दिसंबर 2024 को पुलिस अधीक्षक को रजिस्टर्ड डाक के माध्यम से शिकायत भेजी थी। लेकिन पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई, जिससे उन्होंने न्यायालय की शरण ली।
अदालत में साक्ष्य प्रस्तुत
परिवादी के अधिवक्ता जयप्रकाश ने जानकारी दी कि उन्होंने अदालत में अखबार की कटिंग, पेन ड्राइव में अमित शाह के बयान का वीडियो, तथा वादी का जाति प्रमाण पत्र बतौर साक्ष्य दाखिल किया है।



































