नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को वित्त वर्ष 2025-26 का बजट पेश किया, जिसमें मध्य वर्ग को बड़ी राहत दी गई है। बजट में यह घोषणा की गई कि 12 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। यह छूट सेक्शन 87A के तहत दी जाएगी।
सेक्शन 87A के तहत टैक्स छूट
यह छूट केवल व्यक्तिगत करदाताओं के लिए उपलब्ध होगी, और इसका लाभ उन व्यक्तियों को मिलेगा जिनकी आय 12 लाख रुपये तक है। यह कदम मध्य वर्ग को वित्तीय राहत देने के लिए महत्वपूर्ण है।
इनकम टैक्स छूट की सीमा
सरकार ने 12 लाख रुपये तक की आय को टैक्स से मुक्त करके एक बड़ा कदम उठाया है। यह छूट केवल व्यक्तिगत करदाताओं को मिलेगी, जिसका उद्देश्य उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत करना है।
विशेष दरों वाली इनकम पर टैक्स
हालांकि, यह छूट सभी प्रकार की आय पर लागू नहीं होगी। अगर किसी करदाता की आय में पूंजीगत लाभ (कैपिटल गेन) या लॉटरी से प्राप्त आय शामिल है, तो 12 लाख रुपये तक की आय होने पर भी उन पर टैक्स लगेगा। सेक्शन 87A के तहत दी जाने वाली छूट विशेष दर वाली आय पर लागू नहीं होगी।
विशेष आय पर कर
जिन प्रकार की आय पर विशेष दरें लागू होती हैं, उनमें लंबी अवधि के पूंजीगत लाभ (लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन), छोटी अवधि के पूंजीगत लाभ (शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन), लॉटरी से हुई आय आदि शामिल हैं। बजट 2025 ने स्पष्ट कर दिया है कि इन आय स्रोतों पर कर योग्य आय के लिए सेक्शन 87A के तहत कोई छूट नहीं मिलेगी।
कैपिटल गेन पर टैक्स
उदाहरण के तौर पर, यदि किसी व्यक्ति की कुल आय 12 लाख रुपये है, जिसमें वेतन और अन्य स्रोतों से 8 लाख रुपये और पूंजीगत लाभ से 4 लाख रुपये हैं, तो सेक्शन 87A के तहत छूट केवल 8 लाख रुपये पर मिलेगी। पूंजीगत लाभ पर 4 लाख रुपये की आय पर करदाता को अलग से आयकर देना होगा।
अधिकांश करदाताओं को मिलेगा फायदा
कर विशेषज्ञों का मानना है कि इस स्थिति का सामना कुछ ही करदाताओं को करना पड़ता है। जिन लोगों को केवल वेतन से आय होती है, उन्हें सेक्शन 87A के तहत पूरी छूट मिलेगी, और ऐसे लोग 12 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं देंगे। यह घोषणा मध्यम वर्ग के लिए एक महत्वपूर्ण राहत साबित होगी, जो उन्हें वित्तीय रूप से सशक्त बनाएगी।
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