महाकुंभ मेला 2025: भगदड़ के बाद 5 महत्वपूर्ण बदलाव, जानें नई व्यवस्था
प्रयागराज : मौनी अमावस्या के दिन महाकुंभ मेला में भगदड़ के बाद प्रशासन ने कई अहम बदलाव किए हैं। शुक्रवार रात को कुंभनगर में अधिकारियों की बैठक हुई, जिसमें मेला क्षेत्र में कई नई व्यवस्थाओं की घोषणा की गई। इन बदलावों में मुख्य रूप से नो व्हीकल जोन का पालन कड़ाई से किया जाएगा, सभी पांटून पुल खोल दिए गए हैं, और बाहर से आने वाली गाड़ियों को सीमा पर ही रोका जाएगा।

नो व्हीकल जोन की घोषणा: वीवीआईपी पास रद्द
मेला क्षेत्र में नो व्हीकल जोन लागू कर दिया गया है, और इस बार वीवीआईपी पास समेत सभी तरह के वाहन पास रद्द कर दिए गए हैं। अब केवल एंबुलेंस, जरूरी सामान लेकर आने वाले वाहनों और ड्यूटी पर तैनात कर्मियों को ही मेला क्षेत्र में प्रवेश की अनुमति होगी।
नई व्यवस्था में श्रद्धालुओं के लिए रूट की अलग व्यवस्था
स्नान के बाद श्रद्धालुओं को जल्दी से घाट से बाहर भेजने की व्यवस्था की गई है। किसी भी हालत में 4 फरवरी तक कुंभ क्षेत्र में भीड़ नहीं बढ़ने दी जाएगी। मेला क्षेत्र में आने और जाने के रास्ते अलग-अलग कर दिए गए हैं, ताकि भीड़ का आपस में टकराव न हो।
गाड़ियों को जिले की सीमा पर रोका जाएगा
अब प्रयागराज से बाहर आने वाली गाड़ियों को जिले की सीमा पर ही रोकने का आदेश जारी किया गया है। गाड़ियों को निर्धारित पार्किंग स्थलों पर खड़ा किया जाएगा और श्रद्धालुओं को सटल बसों और अन्य निजी वाहनों से मेला क्षेत्र तक भेजा जाएगा।
रेलवे स्टेशन से पैदल संगम तक आने की व्यवस्था

महाकुंभ में विभिन्न रेलवे स्टेशनों से श्रद्धालुओं को पैदल संगम क्षेत्र आने की अनुमति दी जाएगी। हालांकि, यात्री चाहें तो लोकल कन्वेंस से पार्किंग स्थल तक आ सकते हैं, लेकिन मेला क्षेत्र तक पैदल ही जाना होगा। खासकर 3 फरवरी को बसंत पंचमी के मौके पर यह व्यवस्था लागू रहेगी।
विभिन्न मार्गों के लिए पार्किंग की व्यवस्था
मेला प्रशासन ने विभिन्न दिशाओं से आने वाले वाहनों के लिए पार्किंग व्यवस्था सुनिश्चित की है। जिन मार्गों से श्रद्धालु आ रहे हैं, उन मार्गों पर निर्धारित पार्किंग स्थल बने हैं। जौनपुर मार्ग, वाराणसी मार्ग, मिर्जापुर मार्ग जैसे विभिन्न मार्गों पर वाहन पार्क किए जाएंगे और फिर श्रद्धालु पैदल ही संगम घाट तक जाएंगे।
पार्किंग और वापसी की व्यवस्था में सुधार

सभी प्रमुख मार्गों से वाहनों के पार्किंग स्थल तक पहुंचने के बाद श्रद्धालु संगम घाट स्नान के बाद निर्धारित मार्गों से अपनी वापसी करेंगे। इस बार वाहन पार्किंग से वापस जाने के लिए भी अलग-अलग रास्ते निर्धारित किए गए हैं, ताकि किसी प्रकार की भीड़-भाड़ न हो।
नियम और निर्देशों का पालन करना अनिवार्य
श्रद्धालुओं से अपील की गई है कि वे रास्ते में बने अपनी लेन में ही रहें, किसी भी स्थिति में रास्ते में रुकें नहीं, और सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही अफवाहों से बचें। मेले में जल्दबाजी और धक्कामुक्की से बचने के लिए अधिकारियों ने सभी श्रद्धालुओं को धैर्य बनाए रखने की सलाह दी है।
महाकुंभ मेला की नई व्यवस्थाएं
इस बार महाकुंभ मेला में कई बदलाव किए गए हैं जिनका उद्देश्य श्रद्धालुओं की सुविधा बढ़ाना और व्यवस्था में सुधार करना है। प्रशासन ने इस बार मेला क्षेत्र में व्यवस्था को लेकर कड़े कदम उठाए हैं, ताकि भगदड़ जैसी घटना से बचा जा सके और श्रद्धालु सुरक्षित रूप से स्नान कर सकें।
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