बजट प्रतिक्रियाएँ: चुनावी बजट या विकास का रोडमैप? सरकार और विपक्ष के बीच तीखी जंग जारी; जानें पूरी खबर

नई दिल्ली: मोदी सरकार का तीसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण केंद्रीय बजट आज संसद में पेश किया गया, जिसमें वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ऐतिहासिक काम किया। यह उनका 8वां बजट था, जो विशेष रूप से आम नागरिकों के लिए कई बड़े ऐलान लेकर आया। वित्त मंत्री ने इस बजट में 12 लाख रुपये तक की सालाना आय को कर-मुक्त कर दिया और कई अन्य क्षेत्रों में बड़े फैसले किए। बजट 2025 पर राजनीतिक प्रतिक्रिया का दौर तेज हो गया है, जिसमें कई नेताओं ने इसके समर्थन और विरोध में बयान दिए हैं।

विकसित भारत के संकल्प की दिशा में अहम बजट: प्रधानमंत्री मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्रीय बजट 2025 की तारीफ करते हुए इसे 140 करोड़ भारतीयों की आकांक्षाओं को पूरा करने वाला बजट बताया। उन्होंने कहा कि यह बजट हर भारतीय के सपनों को साकार करने के लिए प्रस्तुत किया गया है। इस बजट के तहत विभिन्न क्षेत्रों में नए अवसर खुलेंगे और खासकर युवाओं के लिए कई नई योजनाओं की घोषणा की गई है। प्रधानमंत्री ने इस बजट को “फोर्स मल्टीप्लायर” करार दिया, जो विकास, निवेश, खपत और बचत को बढ़ावा देगा।

पीएम मोदी ने इस बजट को देश के आम नागरिकों के विकास के मिशन के रूप में देखा और कहा कि यह उन लोगों के लिए है, जो विकसित भारत के निर्माण में अपना योगदान देंगे। इसके साथ ही उन्होंने मध्यम वर्ग के लिए कर छूट की तारीफ की और इसे राहत देने वाला कदम बताया।

जेपी नड्डा ने बजट को बताया संतुलित और समावेशी

केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने बजट 2025 की सराहना करते हुए इसे एक संतुलित और समावेशी बजट करार दिया। उन्होंने कहा कि यह बजट गरीबों, किसानों, महिलाओं और मध्यम वर्ग के उत्थान की दिशा में अहम कदम है। जेपी नड्डा ने कहा कि इस बजट के जरिए भारत को विकास की नई दिशा मिलेगी और यह बजट देश के गरीब और वंचित वर्गों को मुख्यधारा में लाने में मदद करेगा। उन्होंने कहा कि यह बजट विकसित भारत के संकल्प को तेज गति से आगे बढ़ाने वाला है।

अमित शाह ने एमएसएमई को प्रोत्साहन देने पर जोर दिया

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बजट में एमएसएमई क्षेत्र को मिलने वाली सहायता की सराहना की। उन्होंने कहा कि बजट में एमएसएमई के लिए क्रेडिट गारंटी कवर को दोगुना किया गया है, जिससे स्टार्ट-अप और विनिर्माण केंद्रों को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि इस कदम से न केवल नौकरियों का सृजन होगा बल्कि पीएम मोदी के ‘विकसित भारत’ के सपने को साकार किया जा सकेगा।

अमित शाह ने विशेष रूप से फुटवियर, चमड़ा और खिलौना विनिर्माण उद्योगों पर ध्यान देने की बात की, जो जमीनी स्तर पर नौकरियों के अवसर बढ़ाएंगे। उन्होंने कहा कि यह बजट अर्थव्यवस्था के सबसे कमजोर वर्गों को सशक्त बनाने का प्रयास करेगा।

पीयूष गोयल ने गरीबों के लिए ऋण सुविधाओं में वृद्धि की उम्मीद जताई

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने बजट 2025 पर टिप्पणी करते हुए कहा कि इस बजट से गरीबों और किसानों के लिए ऋण सुविधाएं बढ़ेंगी। उन्होंने कहा कि किसानों को केसीसी के तहत अब तीन लाख की जगह पांच लाख तक का ऋण मिलेगा। इसके अलावा एमएसएमई क्षेत्र के लिए भी ऋण सुविधाओं में वृद्धि की गई है, जिससे छोटे उद्योगों को आसानी से वित्तीय मदद मिल सकेगी।

पीयूष गोयल ने कहा कि इस बजट से देश की लिक्विडिटी में वृद्धि होगी, जो सीधे तौर पर गरीबों के लिए ऋण की सुविधा को आसान बनाएगा।

बजट 2025 पर विपक्षी दलों की प्रतिक्रियाएं

इस बजट को लेकर विपक्षी दलों ने अपनी प्रतिक्रियाएं दीं। शत्रुघ्न सिन्हा ने बिहार को लेकर दिए गए बजट प्रावधानों की सराहना की, लेकिन उन्होंने सवाल उठाया कि क्या यह बजट बिहार को चुनावी लाभ देने के लिए था? उन्होंने कहा कि बिहार के विकास के लिए किए गए प्रावधानों को देखकर लगता है कि यह एक “लॉलीपॉप” जैसा कदम है, जिसका चुनावी फायदा उठाने के लिए किया गया है।

कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने भी इस बजट पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा, “क्या यह भारत सरकार का बजट था या बिहार का?” उनका कहना था कि केंद्रीय वित्त मंत्री ने अपने बजटीय भाषण में बिहार के अलावा किसी अन्य राज्य का नाम नहीं लिया, जो कि सवाल उठाने योग्य है।

राजनाथ सिंह ने बजट की सराहना की

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बजट को देश के हर वर्ग के विकास को बढ़ावा देने वाला बताया। उन्होंने कहा कि यह बजट युवा, गरीब, किसान, महिलाओं के साथ-साथ समाज के हर वर्ग और क्षेत्र के विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। विशेष रूप से, मध्यम वर्ग को ध्यान में रखते हुए किए गए फैसले को उन्होंने सराहा। राजनाथ सिंह ने कहा कि 12 लाख रुपये तक की आय पर आयकर से छूट एक उत्साहजनक कदम है, जो मिडिल क्लास को बड़ी राहत देगा।

अखिलेश यादव ने महाकुंभ पर सरकार को घेरा

समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने सरकार पर महाकुंभ के दौरान हुई अव्यवस्थाओं को लेकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि इस समय बजट से अधिक महत्वपूर्ण महाकुंभ है, जहां लाखों लोग स्नान के लिए पहुंचे हुए हैं और वहां के हालात बहुत खराब हैं। अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार को महाकुंभ के दौरान लोगों की मदद करने के लिए जागरूक होना चाहिए था।

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने बजट को लेकर उठाए सवाल

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने बजट पर अपनी टिप्पणी दी और कहा कि यह बजट देश की अर्थव्यवस्था के लिए सकारात्मक नहीं होगा। उन्होंने कहा कि इस बजट में जीएसटी 2.0 की आवश्यकता, कर आतंकवाद से मुक्ति, और निजी निवेश को बढ़ावा देने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। जयराम रमेश ने कहा कि सरकार को मध्यम वर्ग की खपत को बढ़ाने के लिए बजट में कदम उठाने चाहिए थे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ है।

डीएमके सांसद दयानिधि मारन ने बजट को निराशाजनक बताया

डीएमके सांसद दयानिधि मारन ने इस बजट को मध्यम वर्ग के लिए निराशाजनक बताया। उनका कहना था कि सरकार ने वित्त मंत्री के बयान में यह कहकर भ्रम पैदा किया कि 12 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं लिया जाएगा, लेकिन फिर 8-12 लाख रुपये के लिए 10 प्रतिशत टैक्स स्लैब रखा गया, जो कि भ्रामक और निराशाजनक है।

बजट को लेकर विभिन्न नेताओं की प्रतिक्रियाएं

बजट 2025 पर विभिन्न नेताओं ने अपनी-अपनी प्रतिक्रिया दी। शिरोमणि अकाली दल की सांसद हरसिमरत कौर बादल ने बजट पर निंदा की और कहा कि इसमें केवल चुनावी राज्यों को प्राथमिकता दी गई है। पंजाब के वित्त मंत्री ने केंद्र सरकार से पंजाब के लिए विशेष पैकेज की मांग की, खासकर एमएसपी की कानूनी गारंटी के लिए। वहीं, शिवसेना (यूबीटी) प्रवक्ता ने कहा कि इस बजट से गरीबों और किसानों को राहत मिलनी चाहिए।

सामाजिक क्षेत्र में खर्च बढ़ाने की जरूरत: सीपीआई नेता एनी राजा

सीपीआई नेता एनी राजा ने बजट में सामाजिक क्षेत्र के खर्चों में वृद्धि की उम्मीद जताई। उन्होंने कहा कि शिक्षा, स्वास्थ्य, और खाद्य सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में सरकार को अधिक खर्च करना चाहिए। उन्होंने कहा कि महिलाएं बेरोजगारी और बढ़ती कीमतों से जूझ रही हैं और सरकार को उनके लिए कुछ कदम उठाने चाहिए।

अंत में, बजट 2025 के संदर्भ में विशेषज्ञों की राय

विशेषज्ञों और उद्योगपतियों ने इस बजट को सकारात्मक तरीके से देखा है। जम्मू और कश्मीर के एसोचैम काउंसिल के चेयरमैन माणिक बत्रा ने उम्मीद जताई कि इस बजट से स्थानीय उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा और टैक्स स्लैब में कुछ वृद्धि हो सकती है।

कुल मिलाकर, बजट 2025 पर राजनीति और विचारधाराओं के बीच भिन्नताएं स्पष्ट रूप से सामने आई हैं। जहां सरकार ने इसे एक समावेशी और विकासपरक बजट बताया, वहीं विपक्षी दलों ने इसे चुनावी फायदे के लिए तैयार किया गया कदम माना।

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