मुंबई: मुंबई में अभिनेता सैफ अली खान पर चाकू से हमला करने के बाद, पुलिस ने बांग्लादेशी नागरिक शरीफुल इस्लाम शहजाद मोहम्मद रोहिल्ला अमीन फकीर को गिरफ्तार किया। इसके बाद, बांग्लादेशी नागरिकों के भारत में अवैध रूप से प्रवेश और उनके देश में रहने का मामला एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है। इस संदर्भ में महाराष्ट्र सरकार ने अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों की पहचान और रोकथाम के लिए एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया है।

एसआईटी का कामकाज

महाराष्ट्र सरकार ने जन्म और मृत्यु प्रमाणपत्र जारी करने में विलंबित आवेदनों की जांच के लिए एक एसआईटी का गठन किया है। मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारियों ने बताया कि महानिरीक्षक दत्ता कराले के नेतृत्व में एसआईटी को यह जांच सौंपी गई है, जिसमें उन आवेदनों पर जांच की जाएगी जो जन्म या मृत्यु के एक साल बाद दिए गए हैं। यह जांच उस प्रक्रिया पर केंद्रित होगी जिसमें जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्रों को विलंबित तरीके से जारी किया गया।

राजनीतिक आरोप और जांच की शुरुआत

राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने एसआईटी जांच की पुष्टि करते हुए कहा कि जांच में पहले से जारी प्रमाण पत्रों और प्राप्त आवेदन पत्रों की गहन समीक्षा की जाएगी। भाजपा नेता किरीट सोमैया के आरोपों के बाद, जिनका दावा था कि महाराष्ट्र में जन्म प्रमाणपत्रों के माध्यम से अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों को लाभ मिल रहा है, सरकार ने यह कदम उठाया है। सोमैया ने बताया था कि जनवरी 2021 से दिसंबर 2023 तक अकोला शहर में 269 विलंबित जन्म पंजीकरण आदेश दिए गए, लेकिन तहसीलदार ने 4,849 विलंबित जन्म आवेदन पंजीकृत करने का आदेश दिया था।

बांग्लादेशियों के जन्म प्रमाणपत्र आवेदन

भा.ज.पा. नेता ने आरोप लगाया कि अकोला, यवतमाल और नागपुर जिलों में हजारों बांग्लादेशी नागरिकों ने जन्म प्रमाणपत्रों के लिए आवेदन किया था। सोमैया ने यह भी दावा किया कि लगभग दो लाख बांग्लादेशी रोहिंग्याओं ने महाराष्ट्र में जन्म प्रमाण पत्र के लिए आवेदन किया है। इस मामले में मालेगांव के एक तहसीलदार को निलंबित किया गया। सोमैया ने यह भी आरोप लगाया कि अवैध बांग्लादेशी और रोहिंग्या प्रवासियों के लिए अकोला, अमरावती और मालेगांव प्रमुख केंद्र बन गए हैं।

अवैध बांग्लादेशियों की पहचान का अभियान

किरिट सोमैया ने अकोला जिले के कलेक्टर से मुलाकात की और बांग्लादेशी अवैध प्रवासियों को जारी किए गए जन्म प्रमाण पत्रों की जांच करने की मांग की। उन्होंने यह भी बताया कि अमरावती जिले के अंजनगांव सुरजी गांव में 1,000 फर्जी जन्म प्रमाण पत्र जारी किए गए थे। देवेंद्र फडणवीस सरकार ने इन अवैध प्रवासियों की पहचान और उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए विशेष अभियान शुरू किया है, जिसके चलते हाल ही में कई बांग्लादेशियों को महाराष्ट्र के विभिन्न शहरों से गिरफ्तार किया गया है।

ALSO READ

PLANETS PLANETARY PARADE: गणतंत्र दिवस से पहले आसमान में होगा ग्रहों का ‘प्लेनेटरी परेड’, देखने को मिलेगा शानदार नजारा

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here