गोरखपुर: शनिवार की रात खगोलशास्त्र में रुचि रखने वाले लोगों के लिए एक अद्भुत अवसर लेकर आएगी। इस रात एक दुर्लभ खगोलीय घटना होगी, जब आसमान में छह ग्रह एक साथ नजर आएंगे। यह घटना गणतंत्र दिवस से ठीक पहले होगी, और इसे ‘प्लेनेटरी परेड’ कहा जाएगा। इस दौरान शुक्र, मंगल, बृहस्पति, शनि, वरुण और अरुण ग्रह एक ही रेखा में दिखाई देंगे।
ग्रहीय संरेखण का क्या है महत्व?
वीर बहादुर सिंह नक्षत्र शाला (तारामंडल) गोरखपुर के खगोलविद अमर पाल सिंह ने बताया कि जनवरी 2025 में एक बड़ा ग्रहीय संरेखण हो रहा है। इस दौरान छह ग्रहों को एक साथ देखा जा सकता है, जिसे खगोलशास्त्र में ग्रहीय संरेखण कहा जाता है। सामान्य शब्दों में इसे प्लेनेटरी परेड भी कहा जाता है। खगोलशास्त्र में, जब कई ग्रह एक साथ आकर आकाश में एक रेखा में दिखाई देते हैं, तो उसे संरेखण कहते हैं।
खगोलविद अमर पाल सिंह के अनुसार
अमर पाल सिंह ने बताया कि यदि तीन से चार ग्रह एक साथ दिखाई दें तो इसे लघु संरेखण कहा जाता है। चार से छह ग्रहों के साथ संरेखण होने पर इसे बृहद संरेखण कहते हैं। यदि इससे अधिक ग्रहों का संरेखण हो तो इसे बृहत्तर संरेखण कहा जाता है। यह घटना 396 अरब वर्षों में एक बार होती है, और इसे अत्यंत दुर्लभ माना जाता है।
कौन से ग्रह होंगे देखने के लिए उपलब्ध?
खगोलविद ने जानकारी दी कि 25 जनवरी को होने वाले ग्रहीय संरेखण में छह ग्रहों को देखा जा सकता है, जिनमें शुक्र, मंगल, बृहस्पति, शनि, अरुण और वरुण ग्रह शामिल हैं। इनमें से चार ग्रहों को आप बिना किसी विशेष उपकरण के अपनी आंखों से देख सकते हैं, जैसे कि शुक्र, मंगल, बृहस्पति और शनि ग्रह। इन ग्रहों को देखने के लिए कोई दूरबीन या खास उपकरण की आवश्यकता नहीं होगी।
कब और किस दिशा में देखें?
यह प्लेनेटरी परेड 25 जनवरी को अपने उच्चतम स्तर पर होगी। आपको इसे सूर्यास्त के लगभग 45 मिनट बाद, यानी शाम 7:30 बजे से देखना शुरू करना चाहिए। इस समय शुक्र और शनि ग्रह को दक्षिण-पश्चिम दिशा में देखा जा सकता है। बृहस्पति ग्रह को दक्षिण-पूर्व दिशा में और मंगल ग्रह को पूर्व दिशा में देखा जा सकता है। यह संरेखण तीन घंटे तक देखा जा सकेगा, जब तक कि शुक्र और शनि ग्रह अस्त नहीं हो जाते।
कब तक रहेगा यह नजारा?
खगोलविद के मुताबिक, यह घटना 21 जनवरी 2025 से शुरू हो चुकी है, लेकिन 25 जनवरी 2025 को यह अपने सबसे ऊंचे स्तर पर होगी। इसे 31 जनवरी 2025 तक अच्छे से देखा जा सकता है। इसके बाद, ग्रहों के स्थिति के आधार पर यह 13 फरवरी 2025 तक देखा जा सकता है। हालांकि, इसके लिए साफ मौसम और कम प्रदूषण की आवश्यकता होगी।
अरुण और वरुण ग्रह को देखना होगा मुश्किल
अरुण और वरुण ग्रहों को देखने के लिए आपको किसी खास दूरबीन या बाइनोक्यूलर की आवश्यकता होगी। ये ग्रह शुक्र और शनि के ऊपर और बृहस्पति के ऊपर स्थित होंगे।
प्लेनेटरी परेड क्या है?
यह घटना खगोलशास्त्र में प्लेनेटरी एलाइनमेंट या ग्रहीय संरेखण कहलाती है। इस दौरान, सौर मंडल के ग्रह सूर्य की कक्षा में रहते हुए एक साथ किसी रेखा में नजर आते हैं, लेकिन असल में ग्रह अपनी कक्षाओं में घूर्णन कर रहे होते हैं। इसे प्लेनेटरी परेड या ग्रहीय संरेखण कहा जाता है।
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