पलामू: बटाने और कनहर सिंचाई परियोजनाओं का कार्य जल्द ही पूरा होने वाला है, जो 70 के दशक से लंबित पड़ी हुई थीं। बटाने परियोजना से झारखंड, बिहार और कनहर परियोजना से झारखंड, उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ को लाभ मिलेगा। इस पर पलामू में एक उच्चस्तरीय बैठक आयोजित की गई, जिसमें झारखंड के वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर, पलामू सांसद विष्णुदयाल राम, सिंचाई विभाग के सचिव और मुख्य अभियंता उपस्थित थे। इस बैठक में बटाने और कनहर परियोजनाओं के साथ-साथ पाइपलाइन परियोजना का भी विस्तृत समीक्षा किया गया।

बैठक में परियोजनाओं की स्थिति पर चर्चा

बैठक के दौरान, सभी परियोजनाओं की स्थिति का मूल्यांकन किया गया और निर्देश दिया गया कि इन परियोजनाओं को शीघ्र पूरा किया जाए। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि इन योजनाओं से अधिकतम लाभ लिया जा सके।

बटाने परियोजना की स्थिति और ग्रामीणों की समस्याएं

बटाने सिंचाई परियोजना पलामू के हरिहरगंज और छतरपुर क्षेत्रों में स्थित है। इस परियोजना का कार्य पूरा होने से पलामू के कई क्षेत्र जैसे छतरपुर, हरिहरगंज, नौडीहा बाजार और बिहार के औरंगाबाद जिले को भी फायदा होगा। यह परियोजना 1976 में शुरू हुई थी और इसका निर्माण कार्य समाप्त हो चुका है, लेकिन डूब क्षेत्र के प्रभावित ग्रामीणों को मुआवजा न मिलने के कारण डेम का गेट नहीं लगाया जा रहा है। इसके कारण, डेम पर काम रुका हुआ है।

कनहर परियोजना पर विवाद और समाधान

कनहर सिंचाई परियोजना के बारे में झारखंड, छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश के बीच विवाद जारी है। इस परियोजना की शुरुआत भी 1976 में ही हुई थी। इस पर वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि बटाने और कनहर दोनों परियोजनाओं की समीक्षा की गई है। बटाने परियोजना के डेम पर कार्य शुरू करने के लिए डीसी को निर्देश दिया गया है और उनकी देखरेख में अपर समाहर्ता कैंप करेंगे।

ग्रामीणों की समस्याओं का समाधान

उन्होंने बताया कि ग्रामीणों की समस्याओं को दूर करने के लिए कैंप लगाए जाएंगे, ताकि उन्हें मुआवजा दिया जा सके और डेम पर कार्य शुरू किया जा सके। बटाने परियोजना के तहत, ग्रामीणों की सभी समस्याओं का समाधान किया जाएगा।

सिंचाई परियोजनाओं के भविष्य के सुधार

झारखंड सरकार इस परियोजना के जल्द पूरा होने की दिशा में काम कर रही है, ताकि इन योजनाओं से अधिकतम लाभ मिल सके और राज्य के विकास को गति मिले।

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