पटना: बिहार के शिक्षा विभाग में एक बड़े भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है। विशेष निगरानी इकाई (SVU) ने बेतिया के जिला शिक्षा पदाधिकारी रजनीकांत प्रवीण के कई ठिकानों पर छापेमारी की। प्रारंभिक जांच में यह सामने आया कि डीईओ ने अपनी आय से कहीं अधिक संपत्ति अर्जित की है। छापेमारी के दौरान उनकी संपत्ति से भारी मात्रा में नकदी बरामद की गई है, साथ ही नोट गिनने के लिए मशीन भी मंगाई गई है।

छापेमारी का कारण

विशेष निगरानी इकाई को सूचना मिली थी कि रजनीकांत प्रवीण ने अवैध तरीके से करोड़ों रुपये की संपत्ति बनाई है। इस आधार पर एसवीयू की टीम ने उनके घर और दफ्तर पर छापेमारी की। छापेमारी के दौरान बड़ी मात्रा में नकदी मिली, जिससे यह साबित होता है कि प्रवीण ने भ्रष्ट तरीकों से संपत्ति अर्जित की है।

बरामद संपत्ति की जानकारी

प्रारंभिक जांच के अनुसार, रजनीकांत प्रवीण ने अपनी आय से करीब 1.87 करोड़ रुपये ज्यादा संपत्ति जुटाई है। यह संपत्ति जमीन, मकान और अन्य संपत्तियों के रूप में विभिन्न स्थानों पर निवेश की गई थी।

अन्य भ्रष्टाचार के आरोप

रजनीकांत प्रवीण पर अन्य कई आरोप भी लगाए गए हैं। कहा जा रहा है कि उन्होंने शिक्षा विभाग में रहते हुए कई भ्रष्टाचार किए, जिनमें स्कूलों के बेंच-डेस्क निर्माण में घटिया सामग्री का इस्तेमाल और ठेकेदारों से रिश्वत लेने के मामले शामिल हैं। इसके अलावा, उन्होंने सरकारी ठेकों में भी गड़बड़ी की और शिक्षकों से भी रिश्वत ली।

एसवीयू की कार्रवाई

विशेष निगरानी इकाई ने रजनीकांत प्रवीण के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया है। उनकी गिरफ्तारी की प्रक्रिया जल्द ही पूरी हो सकती है।

मामले का महत्व

यह मामला इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह शिक्षा विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार को उजागर करता है। यह शिक्षा के अधिकार पर भी एक बड़ा हमला है, जो सरकारी अधिकारियों की गैरकानूनी गतिविधियों को दर्शाता है।

आगे की प्रक्रिया

इस मामले की जांच अभी जारी है, और एसवीयू और भी कई लोगों को गिरफ्तार कर सकती है।

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