झारखंड/गढ़वा: गढ़वा जिले में हाल ही में दो महत्वपूर्ण मामलों में डीसी ने सख्त कार्रवाई की है। पहला मामला खरौंधी प्रखंड में मंईयां सम्मान योजना में हुई अनियमितताओं से जुड़ा है, जबकि दूसरा मामला मझिआंव प्रखंड के रामपुर पैक्स में धान खरीद में हुए घोटाले का है। इन दोनों मामलों में कार्रवाई करते हुए डीसी ने सीएससी संचालक की आईडी को सस्पेंड कर दिया और पैक्स अध्यक्ष के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है।
मंईयां सम्मान योजना में गड़बड़ी
खरौंधी प्रखंड के कुपा पंचायत में सीएससी संचालकों द्वारा मंईयां सम्मान योजना के लाभुकों के खातों में अनियमितताएं की गईं। सीएससी संचालक नवनीत कुमार पटेल, सत्यनारायण गुप्ता और अजीत प्रजापति ने जानबूझकर लाभुकों के खाता संख्या और IFSC कोड की जगह अपने रिश्तेदारों के खातों का विवरण पोर्टल पर दर्ज किया। मामले की जांच करने पर यह पाया गया कि इन संचालकों ने लाभुकों की राशि अपने या अपने परिवार के सदस्यों के खातों में ट्रांसफर की।
जांच में यह सामने आया कि ग्राम कूपा के सात लाभुकों की राशि सीएससी संचालक नवनीत पटेल की पत्नी के खाते में गई, पांच लाभुकों की राशि सत्यनारायण गुप्ता के खाते में, और नौ लाभुकों की राशि अजीत प्रजापति की मां के खाते में जमा हुई। इस गड़बड़ी के चलते इन तीनों सीएससी संचालकों के आईडी को तुरंत सस्पेंड कर दिया गया।
धान खरीद में गड़बड़ी पर कार्रवाई
मझिआंव प्रखंड के रामपुर पैक्स में धान खरीद में भारी अनियमितताओं की शिकायत मिलने पर जांच शुरू की गई। जिला आपूर्ति और सहकारिता विभाग के अधिकारियों द्वारा संयुक्त जांच में यह पाया गया कि उपार्जन पोर्टल पर 5375 क्विंटल धान का रिकॉर्ड था, जबकि गोदाम में मात्र 2693 क्विंटल धान पाया गया। इस मामले में लगभग 2300 क्विंटल धान गोदाम में नहीं था।
इस गंभीर अनियमितता के लिए रामपुर पैक्स के अध्यक्ष रवीन्द्र सिंह से स्पष्टीकरण मांगा गया, जिसे उन्होंने असंतोषजनक बताया। इसके बाद, जिला सहकारिता अधिकारी की मदद से मझिआंव थाने में पैक्स अध्यक्ष के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई।
सख्त कार्रवाई की गई
इन दोनों मामलों में गढ़वा डीसी ने दिखाया कि प्रशासन किसी भी प्रकार की अनियमितता और भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं करेगा। सीएससी संचालकों की आईडी को सस्पेंड करना और पैक्स अध्यक्ष के खिलाफ एफआईआर दर्ज करना प्रशासन की कठोरता का परिचायक है। इन कार्रवाइयों से यह संदेश जाता है कि किसी भी प्रकार की सरकारी योजनाओं में गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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