पटना: आरजेडी के पूर्व एमएलसी सुनील कुमार सिंह की विधान परिषद सदस्यता रद्द करने के मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस मामले में कोर्ट ने महत्वपूर्ण आदेश देते हुए सुनील कुमार सिंह की सदस्यता रद्द करने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई जारी रखने तक बिहार विधान परिषद के उपचुनाव के परिणाम पर रोक लगा दी है। इसका मतलब यह हुआ कि जब तक सुप्रीम कोर्ट इस मामले में निर्णय नहीं देता, तब तक उपचुनाव का परिणाम घोषित नहीं किया जाएगा।
सदस्यता रद्द और उपचुनाव
पिछले साल जुलाई में सुनील कुमार सिंह की सदस्यता रद्द की गई थी। उन पर आरोप था कि उन्होंने सदन में नीतीश कुमार के खिलाफ असभ्य टिप्पणी की और उनका मजाक उड़ाया। उनकी सदस्यता रद्द होने के कारण इस सीट पर उपचुनाव हो रहा था, जिसमें जेडीयू के ललन प्रसाद एकमात्र उम्मीदवार थे और निर्विरोध निर्वाचित हो गए थे। गुरुवार को उनका जीत का ऐलान होना था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने परिणामों की घोषणा पर रोक लगा दी है।
नीतीश कुमार ने मुखिया का चुनाव क्यों नहीं जीता?
इस बीच, सुनील कुमार सिंह की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई करते हुए वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने दलील दी कि सुनील कुमार सिंह की सदस्यता रद्द करना लोकतंत्र को खत्म करने की कोशिश है। उन्होंने कहा कि बहुमत के आधार पर ऐसे फैसले नहीं किए जा सकते। सिंघवी ने यह भी कहा कि नीतीश कुमार ने पिछले 18 सालों में मुखिया का चुनाव भी नहीं जीता। इस बयान पर जस्टिस सूर्यकांत ने आपत्ति जताते हुए कहा कि नीतीश कुमार कहीं न कहीं चुने गए होंगे, तभी वे मुख्यमंत्री बने हैं।
पलटू राम कहना गुनाह नहीं
अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट में यह भी कहा कि सुनील कुमार सिंह ने नीतीश कुमार को “पलटू राम” कहा था, लेकिन यह इतना बड़ा गुनाह नहीं था कि उनकी सदस्यता हमेशा के लिए रद्द कर दी जाए। सिंघवी ने यह तर्क भी दिया कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले में हस्तक्षेप कर सकता है, क्योंकि अदालत के पास इस तरह के मामलों की सुनवाई का अधिकार है।
प्राकृतिक न्याय का उल्लंघन
सिंघवी ने यह भी दावा किया कि सुनील कुमार सिंह को विधान परिषद की कार्यवाही की वीडियो रिकॉर्डिंग नहीं दी गई और उन्हें अपनी बात रखने का मौका भी नहीं दिया गया, जो कि प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत का उल्लंघन है।
चुनाव आयोग द्वारा उपचुनाव की घोषणा
सिंघवी ने सवाल उठाया कि जब सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई चल रही थी, तो चुनाव आयोग ने कैसे उपचुनाव का ऐलान कर दिया। उन्होंने कहा कि यदि सुप्रीम कोर्ट उनकी याचिका को सही ठहराता है, तो फिर एक ही सीट पर दो एमएलसी होंगे।
कोर्ट ने रिजल्ट पर रोक लगाई
अभिषेक मनु सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट से मांग की कि उपचुनाव के परिणाम पर तत्काल रोक लगाई जाए, क्योंकि गुरुवार को ही परिणाम घोषित होने वाला था। सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने आदेश दिया कि जब तक मामले की सुनवाई पूरी नहीं हो जाती, तब तक उपचुनाव के परिणाम पर रोक लगी रहेगी।