पटना: बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) ने जन सुराज प्रमुख प्रशांत किशोर के बाद पटना के मशहूर कोचिंग शिक्षक खान सर को भी नोटिस भेजा है। यह नोटिस खान सर द्वारा दिए गए एक बयान को लेकर भेजा गया है, जिसमें उन्होंने बीपीएससी की परीक्षा के संबंध में कुछ गंभीर आरोप लगाए थे। खान सर ने छात्रों के विरोध प्रदर्शन के दौरान बीपीएससी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे और यह कहा था कि आयोग में सीट बेचे जा रहे हैं। अब, बीपीएससी ने उनसे इस बयान का जवाब मांगा है।
बीपीएससी ने भेजा कानूनी नोटिस
बीपीएससी के वकील ने खान सर को कानूनी नोटिस भेजते हुए उनसे उनके उस बयान का स्पष्टीकरण मांगा है, जिसमें उन्होंने कहा था कि बीपीएससी में सीटों को बेचा जा रहा है और यह सब-अध्यक्ष और अध्यक्ष के उच्च अधिकारियों द्वारा किया जा रहा है। बीपीएससी ने खान सर से पूछा है कि उन्होंने इस प्रकार के आरोप कैसे लगाए और इसको लेकर उनके पास कौन से ठोस प्रमाण हैं।
प्रशांत किशोर को भी भेजा गया था नोटिस
खान सर को भेजे गए नोटिस के बाद, यह भी महत्वपूर्ण है कि जन सुराज प्रमुख और राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर को भी इसी तरह का कानूनी नोटिस पहले ही भेजा जा चुका है। प्रशांत किशोर ने बीपीएससी की परीक्षा में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए छात्रों के समर्थन में 70वीं प्रारंभिक परीक्षा को रद्द करने की मांग की थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि बीपीएससी में सीट बेचने का गोरखधंधा चल रहा है, और यह कार्य आयोग के कुछ अधिकारियों द्वारा किया जा रहा है। उनके इस बयान के बाद बीपीएससी ने उन्हें लीगल नोटिस भेजकर तथ्यों के साथ जवाब मांगा था।
BPSC के वकील ने मांगा साक्ष्य
BPSC ने खान सर से यह स्पष्ट किया है कि अगर उन्होंने यह आरोप बिना किसी ठोस साक्ष्य के लगाए हैं, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। यह नोटिस भेजने के बाद, बीपीएससी ने खान सर से 15 दिनों के भीतर इस मामले में जवाब देने को कहा है। यदि खान सर जवाब नहीं देते हैं, तो बीपीएससी उनके खिलाफ आईटी एक्ट के तहत कार्रवाई करने का अधिकार रखता है।
खान सर का बयान था विवादास्पद
बता दें कि खान सर ने छात्रों के समर्थन में खुलकर बीपीएससी के खिलाफ आवाज उठाई थी। उनका कहना था कि यह परीक्षा पूरी तरह से भ्रष्टाचार से ग्रस्त है और इसमें सीटें बेची जा रही हैं। इस बयान को लेकर बीपीएससी ने सख्त कदम उठाया है और खान सर से इस पर स्पष्टीकरण मांगा है। इस नोटिस से यह स्पष्ट होता है कि बीपीएससी अपने खिलाफ लगे आरोपों को गंभीरता से ले रहा है और किसी भी तरह की अनावश्यक टिप्पणी को बर्दाश्त नहीं करेगा।
प्रशांत किशोर को भेजा गया था नोटिस
प्रशांत किशोर को भेजे गए नोटिस में बीपीएससी ने उनसे उन आरोपों का जवाब मांगा था, जो उन्होंने 70वीं प्रारंभिक परीक्षा के संदर्भ में लगाए थे। पीके ने कहा था कि बीपीएससी में भ्रष्टाचार और गड़बड़ी का बाजार चलता है और यह काम बड़े पैमाने पर होता है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया था कि बीपीएससी के अधिकारी और कर्मचारी इस पूरी प्रक्रिया में शामिल हैं और इसके लिए छात्रों से मोटी रकम वसूल की जाती है।
पीके के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की धमकी
प्रशांत किशोर के खिलाफ बीपीएससी ने एक कानूनी नोटिस भेजा था, जिसमें उन्हें 7 दिनों के भीतर अपने आरोपों का जवाब देने के लिए कहा गया था। बीपीएससी के वकील संजय सिंह ने यह चेतावनी दी थी कि अगर पीके जवाब नहीं देते हैं, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। बीपीएससी ने यह भी स्पष्ट किया था कि पीके के द्वारा लगाए गए आरोपों के प्रमाण के बिना उनकी बात को गंभीरता से नहीं लिया जाएगा।
प्रशांत किशोर के आरोपों का संज्ञान लेते हुए बीपीएससी ने की कार्रवाई
प्रशांत किशोर ने अपने आरोपों में यह कहा था कि बीपीएससी में हर पोस्ट के लिए 30 लाख से लेकर 1.5 करोड़ रुपये तक की डील होती है। यही कारण है कि छात्र 70वीं प्रीलिम्स परीक्षा को रद्द करने की मांग कर रहे थे। इस आरोप के बाद, बीपीएससी ने खान सर और पीके दोनों को लीगल नोटिस भेजकर उनसे इस संबंध में साक्ष्य मांगा है। इसके अलावा, पीके ने गांधी मैदान में आमरण अनशन पर बैठकर इस मामले को उठाया था और पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद उन्हें जमानत मिल गई थी।
बीपीएससी के खिलाफ छात्र आंदोलन जारी
बीपीएससी के खिलाफ छात्रों का आंदोलन भी जारी है। छात्र लगातार बीपीएससी की परीक्षा को रद्द करने की मांग कर रहे हैं और यह आरोप लगा रहे हैं कि परीक्षा में व्यापक पैमाने पर गड़बड़ी हुई है। प्रशांत किशोर और खान सर जैसे प्रमुख व्यक्तित्वों ने इस आंदोलन को अपना समर्थन दिया है, जिससे यह आंदोलन और भी तेज हो गया है। छात्रों के अनुसार, बीपीएससी में भ्रष्टाचार और गड़बड़ी के कारण उन्हें उनके भविष्य से खिलवाड़ हो रहा है।
क्या खान सर और प्रशांत किशोर के खिलाफ होगी कानूनी कार्रवाई?
बीपीएससी ने खान सर और प्रशांत किशोर को जो नोटिस भेजे हैं, उनका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि दोनों पक्षों से इस मामले में स्पष्टीकरण मिल सके। यदि इन दोनों ने अपने आरोपों का उचित जवाब नहीं दिया, तो बीपीएससी इनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का अधिकार रखता है। इस प्रकार, यह देखा जाएगा कि इन दोनों के खिलाफ कोई कठोर कदम उठाए जाते हैं या नहीं।
नोटिस के बाद क्या होगा अगला कदम?
अब यह देखना होगा कि खान सर और प्रशांत किशोर बीपीएससी के नोटिस का किस प्रकार जवाब देते हैं। यदि वे आरोपों को साबित करने में असमर्थ रहते हैं, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की संभावना को नकारा नहीं जा सकता। दूसरी ओर, यदि उनके पास ठोस प्रमाण होते हैं, तो यह मामला और भी जटिल हो सकता है और बीपीएससी को अपनी छवि सुधारने के लिए कार्रवाई करनी पड़ेगी।
BPSC द्वारा खान सर और प्रशांत किशोर को भेजे गए कानूनी नोटिस ने बिहार में चल रहे छात्र आंदोलन को और तेज कर दिया है। बीपीएससी पर आरोपों और विरोध की बयार के बीच यह मामला अब और भी जटिल हो गया है। यह देखना होगा कि बीपीएससी इन आरोपों को किस तरीके से संभालता है और क्या खान सर और पीके को कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा या नहीं।




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