देहरादून: देहरादून की 81 वर्षीय पुष्पा मुंजियाल अपने जीवन के अंतिम पड़ाव पर एक विशेष उद्देश्य के साथ जी रही हैं। वह राहुल गांधी से मिलकर अपनी सारी संपत्ति उन्हें सौंप देना चाहती हैं। पुष्पा के पास 50 लाख रुपये की एफडी और सोने के गहने हैं, जिन्हें उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के नाम कर दिया है।

पुष्पा मुंजियाल की इच्छा और संपत्ति की नॉमिनेशन

पुष्पा मुंजियाल देहरादून के डालनवाला क्षेत्र स्थित प्रेम धाम आश्रम में रहती हैं। उनकी आंखों की रोशनी नहीं है, लेकिन उनके पास करीब 50 लाख की एफडी और कुछ सोने के गहने हैं। उन्होंने राहुल गांधी को नॉमिनी बनाते हुए यह सब कुछ उनके नाम किया है। पुष्पा की इच्छा है कि वह राहुल गांधी से मिलकर यह संपत्ति उन्हें सौंप सकें।

राहुल गांधी से परिवारिक संबंध और प्रेरणा

पुष्पा ने बताया कि उनके परिवार का राहुल गांधी के परिवार से पुराना रिश्ता रहा है, और वह गांधी परिवार के विचारों से बहुत प्रभावित हैं। इसी कारण उन्होंने अपनी सारी संपत्ति का वारिस राहुल गांधी को चुना। पहले उन्हें प्रधानमंत्री की पत्नी के नाम यह संपत्ति देने का ख्याल आया था, लेकिन बाद में उन्होंने राहुल गांधी को नॉमिनी बना लिया।

वसीयत में राहुल गांधी का नाम

पुष्पा मुंजियाल ने अपनी सारी संपत्ति 2022 में राहुल गांधी के नाम कर दी थी। उन्होंने कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह के घर जाकर वसीयत बनाई थी, जिसमें उन्होंने अपनी एफडी, सोने के गहने और बैंक अकाउंट की जानकारी दी थी।

समाजसेवी नंदिता पोखरियाल की प्रतिक्रिया

समाजसेवी नंदिता पोखरियाल ने बताया कि आश्रम में वृद्ध जनों से मिलकर उन्हें परिवार जैसा महसूस हुआ। पुष्पा से मुलाकात के दौरान उन्होंने बताया कि वह राहुल गांधी से मिलकर अपना सब कुछ उन्हें सौंपना चाहती हैं। नंदिता ने कहा कि वृद्धाश्रम में रहने वाले बुजुर्गों के लिए यह एक अद्वितीय उदाहरण है।

पुष्पा मुंजियाल का जीवन और योगदान

पुष्पा मुंजियाल ने गुरु नानक गर्ल्स इंटर कॉलेज में बतौर टीचर काम किया था और 1999 में रिटायर हुईं। रिटायरमेंट के बाद वह प्रेम धाम वृद्धा आश्रम में रहने लगीं। इसके पहले, उन्होंने 2011 में दून अस्पताल को 25 लाख रुपये की राशि दान की थी। यह राशि अस्पताल में मरीजों की मदद के लिए ब्याज से खर्च की जाती है।

समाज सेवा के लिए उनका संकल्प

पुष्पा ने अपना जीवन समाज सेवा के लिए समर्पित किया और विवाह नहीं किया। वह परिवार से नाता नहीं रखतीं और अपने जीवन में कभी भी किसी प्रकार की संपत्ति का स्वामित्व नहीं चाहतीं, बल्कि वह इसे सही हाथों में सौंपना चाहती हैं।

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