पटना: पटना हाईकोर्ट ने एक केस की सुनवाई के दौरान बिहार सरकार पर 46 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। कोर्ट ने कहा कि पुलिस और कुछ अधिकारियों की मनमानी के कारण राज्य को भारी नुकसान हुआ है।
इथेनॉल मामले में उच्च न्यायालय का फैसला
पटना हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण मामले में राज्य सरकार के कुछ कर्मचारियों द्वारा 60 हजार लीटर इथेनॉल के नष्ट होने के संबंध में फैसला सुनाया है। कोर्ट ने पाया कि पुलिस और कुछ कर्मचारियों ने अपनी शक्ति का गलत उपयोग किया, जिसके परिणामस्वरूप राज्य के खजाने को भारी वित्तीय नुकसान हुआ।
क्या है पूरा मामला?
यह मामला राउल निर्माण प्राइवेट लिमिटेड कंपनी द्वारा दायर याचिका पर आधारित है। कंपनी ने आरोप लगाया कि उसने इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन से 60 हजार लीटर इथेनॉल खरीदी थी, जिसे मोतिहारी भेजा जाना था, लेकिन पुलिस ने इसे जब्त कर लिया और नष्ट कर दिया।
हाईकोर्ट का निर्णय
इस मामले की गंभीरता को समझते हुए पटना हाईकोर्ट के जस्टिस पीबी बजंथरी और जस्टिस शशि भूषण प्रसाद सिंह की खंडपीठ ने बिहार सरकार पर 45,44,800 रुपये का जुर्माना लगाया है। इसके अलावा, कंपनी को हुए मानसिक कष्ट और परेशानियों के लिए एक लाख रुपये का अतिरिक्त मुआवजा भी देने का आदेश दिया है।