पटना: पटना के कुम्हरार स्थित बापू परीक्षा केंद्र में 13 दिसंबर को आयोजित 70वीं BPSC पीटी परीक्षा को रद्द किया गया है, और इस परीक्षा की पुनर्रचना 4 जनवरी को पटना के 22 परीक्षा केंद्रों पर की जाएगी। जिला प्रशासन ने इसकी पूरी तैयारी कर ली है और अब शनिवार को परीक्षा पुनः आयोजित की जाएगी।

BPSC 70वीं परीक्षा रद्द करने की मांग

BPSC 70वीं परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर अभ्यर्थी गर्दनीबाग में धरने पर बैठकर भूख हड़ताल कर रहे हैं। गुरुवार को, एक बार फिर बीपीएससी अभ्यर्थियों का समूह पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में इकट्ठा हुआ, जहाँ जनसुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने बापू की प्रतिमा के पास आमरण अनशन पर बैठकर पूरी परीक्षा को रद्द करने की मांग की।

प्रशांत किशोर का अनशन और अभ्यर्थियों का समर्थन

प्रशांत किशोर ने कहा कि जब तक छात्रों को न्याय नहीं मिलेगा, तब तक वे यहां अनशन पर बैठेंगे। बीपीएससी अभ्यर्थी री एग्जाम की मांग कर रहे हैं और कपकपाती ठंड में अपनी 5 सूत्री मांगों को लेकर गांधी मैदान में बैठ गए हैं। ये मांगें हैं- 70वीं BPSC परीक्षा में हुई अनियमितताओं और भ्रष्टाचार की उच्च स्तरीय जांच, बेरोजगारी भत्ते की योजना, प्रतियोगी परीक्षाओं में हुई अनियमितताओं की जांच और दोषियों पर कार्रवाई, और बिहार के सरकारी नौकरियों में राज्य के युवाओं की हिस्सेदारी को दो तिहाई तक सुनिश्चित करने के लिए डोमिसाइल नीति लागू करना।

29 दिसंबर को हुई घटना और प्रशासन की कार्रवाई

इससे पहले, 29 दिसंबर को प्रशांत किशोर ने BPSC अभ्यर्थियों के साथ गांधी मैदान में धरना-प्रदर्शन किया। लेकिन शाम होते ही, पटना के जेपी गोलंबर पर अभ्यर्थियों ने बैरिकेडिंग तोड़ दी और सीएम आवास की ओर बढ़ने की कोशिश की, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए वाटर कैनन का उपयोग किया और फिर लाठीचार्ज किया। इससे अफरा-तफरी का माहौल उत्पन्न हो गया।

प्रशांत किशोर और उनके सहयोगियों के खिलाफ FIR

इसके बाद पुलिस ने प्रशांत किशोर और उनके सहयोगियों के खिलाफ FIR दर्ज किया। इन पर आरोप है कि उन्होंने बिना अनुमति के प्रदर्शन किया और कानून-व्यवस्था की समस्या उत्पन्न की। जिला प्रशासन ने बताया कि 29 दिसंबर को जनसुराज पार्टी ने गांधी मूर्ति के पास छात्रों के सम्मेलन के आयोजन की सूचना दी थी, जिसे प्रशासन ने अस्वीकृत कर दिया था। इसके बावजूद पार्टी के नेताओं ने अवैध रूप से भीड़ इकट्ठा की और जनता को उकसाया।

प्रशासन द्वारा कार्रवाई और निषेध आदेश

प्रशासन ने बताया कि प्रदर्शन के दौरान प्रशांत किशोर और उनके साथियों ने बिना अनुमति के जुलूस निकाला और जेपी गोलंबर को जाम कर दिया। साथ ही, पुलिस अधिकारियों से धक्का-मुक्की की और प्रशासन के लाउडस्पीकर को भी क्षतिग्रस्त किया। प्रशासन द्वारा बार-बार अनुरोध किए जाने के बावजूद इन लोगों ने नियमों का उल्लंघन किया।

कानून-व्यवस्था में व्यवधान और सख्त कार्यवाही की चेतावनी

प्रशासन के अनुसार, लगभग 100 प्रदर्शनकारी जेपी गोलंबर से हटने को तैयार नहीं थे। इसके बाद, पुलिस ने पानी की बौछार और हल्का बल प्रयोग करते हुए उन्हें हटाया और स्थिति को सामान्य किया। इस मामले में 21 नामजद और 600-700 अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ गांधी मैदान थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है, और प्रशासन ने कानून-व्यवस्था भंग करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है।

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