पटना: बिहार सरकार की स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के तहत शिक्षा ऋण लेकर पढ़ाई पूरी करने के बाद ऋण नहीं चुकाने वाले छात्रों के खिलाफ अब सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। अब तक 440 छात्रों पर नीलाम पत्र वाद दायर किया गया है, और 300 अन्य पर यह प्रक्रिया चल रही है। इसके अलावा, 3800 छात्रों को निगरानी सूची में डाला गया है, जिनमें से 1638 छात्रों को नोटिस जारी किया गया है, जिनका कोर्स 2020-23 में समाप्त हुआ।
31 दिसंबर तक शपथ-पत्र जमा करने का मौका
छात्रों को एक वर्ष तक ऋण चुकाने में छूट दी गई थी। अब, इस अवधि के बाद, उन्हें या तो ऋण चुकाना होगा या शपथ-पत्र जमा करना होगा। शपथ-पत्र को निगम की साइट पर मेल के माध्यम से अपलोड करना होता है। शपथ-पत्र जमा करने की अंतिम तिथि 31 दिसंबर है।
नोटरी पब्लिक से जुड़ी कठिनाइयां
छात्रों को शपथ-पत्र तैयार करने में समस्या हो रही है, क्योंकि कोर्ट की छुट्टियां और नोटरी पब्लिक की अनुपलब्धता के कारण प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न हो रही है। पटना स्थित राज्य शिक्षा वित्त निगम कार्यालय में छात्रों की भीड़ बढ़ गई है।
ऋण भुगतान और शपथ-पत्र की प्रक्रिया
लोन चुकाने की शर्तें और समयसीमा
2 लाख रुपये तक के ऋण वाले छात्रों को 5 साल में ऋण चुकाना होगा।
2 लाख रुपये से अधिक ऋण वाले छात्रों को 7 साल का समय मिलेगा।
हर साल जून और दिसंबर में शपथ-पत्र जमा करना अनिवार्य होगा।
ब्याज दरें
पुरुष छात्रों को 4% ब्याज देना होगा।
महिला और दिव्यांग छात्रों के लिए ब्याज दर केवल 1% होगी।
शपथ-पत्र न देने पर कार्रवाई
31 दिसंबर तक शपथ-पत्र जमा न करने पर नीलाम पत्र वाद दायर किया जाएगा। इसके परिणामस्वरूप संपत्ति जब्ती और अन्य कानूनी प्रक्रियाएं शुरू की जाएंगी।
ड्रॉपआउट छात्रों के लिए नियम
जो छात्र पढ़ाई बीच में छोड़ चुके हैं, उन्हें शपथ-पत्र की सुविधा नहीं मिलेगी। ऐसे छात्रों को पूरा ऋण एकमुश्त जमा करना होगा।
लाभार्थियों की समस्याएं और समाधान
छात्रों की समस्याएं:
नोटरी पब्लिक से संपर्क की कठिनाई और कोर्ट की छुट्टियों के कारण प्रक्रिया में देरी हो रही है। निगम ने छात्रों को ईमेल और नोटिस के जरिए जानकारी दी है। छात्रों को ऋण चुकाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।