पटना: बिहार सरकार ने पटना सदर अनुमंडल की पूर्व डीसीएलआर, मैत्री सिंह को निलंबित कर दिया है। सामान्य प्रशासन विभाग ने इस संबंध में अधिसूचना जारी की है। इससे पहले पटना के जिलाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने उनके निलंबन की अनुशंसा की थी।

क्या थे आरोप?
मैत्री सिंह पर आरोप था कि अपने ट्रांसफर के बाद भी उन्होंने कई सरकारी फाइलें अपने साथ ले गईं और बैक डेट में उन पर कार्रवाई की। इनमें अधिकतर मामले भूमि विवाद और दाखिल-खारिज से संबंधित थे। इसके अलावा, यह भी आरोप था कि उनके कार्यालय में दलालों के माध्यम से काम करवाए जाते थे।

फाइलों की गड़बड़ी और जांच की प्रक्रिया
30 अक्टूबर को मैत्री सिंह का ट्रांसफर किया गया था, लेकिन वह करीब 500 फाइलें अपने साथ ले गई थीं। जब यह मामला जिलाधिकारी के संज्ञान में आया, तो डीडीसी समीर सौरभ की अध्यक्षता में एक जांच कमेटी बनाई गई। जांच में यह आरोप सही पाए गए, जिसके बाद डीसीएलआर के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा की गई। इसके आधार पर सामान्य प्रशासन विभाग ने उन्हें निलंबित कर दिया। निलंबन की अवधि के दौरान उनका मुख्यालय पटना प्रमंडल कार्यालय निर्धारित किया गया है।

फाइलों की गुमशुदगी और अन्य गड़बड़ियां
पटना के डीएम के निर्देश पर हुई जांच में यह सामने आया कि मैत्री सिंह कार्यालय से 700 से अधिक फाइलें गायब कर चुकी थीं, जिनमें से 451 अब तक लापता हैं। इन फाइलों में बैक डेट में आदेश पारित होने की आशंका जताई जा रही है। इसके अलावा, डीएम के जनता दरबार में कई शिकायतें आई थीं कि मैत्री सिंह के दलाल दाखिल-खारिज के लिए पैसे लेकर बैकडेट में काम करवाने का दबाव बना रहे थे। जांच में यह भी पता चला कि उनके कार्यालय से कंप्यूटर, प्रिंटर और अन्य उपकरण भी गायब थे।

मैत्री सिंह की नई तैनाती और निलंबन
मैत्री सिंह वर्तमान में विश्वविद्यालय सेवा आयोग में विशेष कार्य अधिकारी के पद पर तैनात थीं, लेकिन अब उन्हें निलंबित कर दिया गया है।

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