पटना: बिहार में इस समय एक बड़ी राजनीतिक घटना सामने आई है। केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान को बिहार का नया राज्यपाल नियुक्त किया गया है, जबकि विश्वनाथ अर्लेकर को केरल का गवर्नर बनाया गया है। केंद्र सरकार ने बिहार सहित कई अन्य राज्यों में राज्यपालों के पद पर बदलाव किया है।

राज्यपाल नियुक्तियों में बदलाव

आरिफ मोहम्मद खान, जो अब तक केरल के राज्यपाल थे, को अब बिहार का राज्यपाल नियुक्त किया गया है। वहीं, बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्नवाथ अर्लेकर को केरल का गवर्नर बनाया गया है। इसके अतिरिक्त, जनरल विजय कुमार सिंह को मिजोरम का राज्यपाल नियुक्त किया गया है। ओडिशा के राज्यपाल पद पर भी बदलाव हुआ है, और डॉ. हरि बाबू कंभमपति को ओडिशा का नया गवर्नर नियुक्त किया गया है।

रघुबर दास का इस्तीफा और अन्य नियुक्तियां

रघुबर दास, जो ओडिशा के राज्यपाल थे, ने पद से इस्तीफा दे दिया है, जिसे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने स्वीकार कर लिया है। इसके साथ ही मणिपुर के राज्यपाल के रूप में अजय कुमार भल्ला की नियुक्ति की गई है। पूर्व आर्मी चीफ जनरल वीके सिंह को मणिपुर का गवर्नर बनाया गया है, और मिजोरम के राज्यपाल के रूप में डॉ. विजय कुमार सिंह की नियुक्ति की गई है। राष्ट्रपति ने इन नियुक्तियों के बाद खुशी जताई है, और ये नियुक्तियां उनके संबंधित कार्यालयों में कार्यभार संभालने की तिथि से प्रभावी होंगी।

रघुबर दास की राजनीति में वापसी की संभावना

अब, रघुबर दास के इस्तीफे के बाद, यह माना जा रहा है कि वे झारखंड में भाजपा के सशक्त नेतृत्व के तौर पर वापसी कर सकते हैं। भाजपा को हाल ही में विधानसभा चुनाव में करारी हार का सामना करना पड़ा है, और अब उसे राज्य में एक मजबूत नेता की तलाश है। रघुबर दास, जो पहले झारखंड के मुख्यमंत्री रह चुके हैं, को अब पार्टी के लिए एक महत्वपूर्ण नेतृत्व का विकल्प माना जा रहा है।

भाजपा के लिए रघुबर दास की भूमिका

रघुबर दास ने निचले स्तर से भाजपा में काम किया है और उन्हें राज्य का मुख्यमंत्री बनने का गौरव प्राप्त हुआ था। विधानसभा चुनाव में उनकी बहू पूर्णिमा दास साहू को पार्टी ने जमशेदपुर पूर्वी से चुनावी मैदान में उतारा, और वे विजयी रहीं। भाजपा को रघुबर दास की नेतृत्व क्षमता और ओबीसी वोट बैंक की ओर से भी फायदा हो सकता है। पार्टी में उनके आने से झारखंड में भाजपा की स्थिति को मजबूती मिल सकती है।

भाजपा को नये नेतृत्व की तलाश

हालिया विधानसभा चुनाव में भाजपा को मिली हार के बाद, पार्टी अब संगठनात्मक रूप से भी खुद को मजबूत बनाने में जुटी है। सदस्यता अभियान और अन्य रणनीतिक कदमों से भाजपा अपनी स्थिति को सुधारने की कोशिश कर रही है। क्षेत्रीय दलों की मजबूत स्थिति और झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेतृत्व में गठबंधन की वापसी से पार्टी को राज्य में एक मजबूत नेता की आवश्यकता होगी, और रघुबर दास इस दिशा में अहम भूमिका निभा सकते हैं।

रघुबर दास का ओडिशा में कार्यकाल और इस्तीफा

रघुबर दास को ओडिशा का राज्यपाल 18 अक्टूबर 2023 को नियुक्त किया गया था, और उन्होंने 31 अक्टूबर 2023 को शपथ ली थी। इस दौरान ओडिशा विधानसभा का चुनाव हुआ, जिसमें भाजपा को नवीन पटनायक की सरकार को अपदस्थ करने का अवसर मिला। अब रघुबर दास का इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया है और उनके झारखंड में वापसी के संकेत भी मिल रहे हैं।

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