पटना: लालू यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने अपने खजाने को भरने और संगठन को मजबूत करने के लिए एक बड़ा अभियान शुरू किया है। इसके तहत नेताओं और विधायकों को बड़े टारगेट सौंपे गए हैं। हर बूथ से 620 रुपए जुटाने का लक्ष्य तय किया गया है। आगामी विधानसभा चुनावों से पहले इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए पूरी ताकत लगाई जा रही है।
19 सितंबर से शुरू हुआ सदस्यता अभियान
राजद ने 19 सितंबर 2024 से एक व्यापक सदस्यता अभियान शुरू किया है। पार्टी ने एक करोड़ नए सदस्यों को जोड़ने का लक्ष्य रखा है। अभियान की शुरुआत के मौके पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा था, “हमारी पार्टी बिहार में सबसे बड़ी सदस्यता वाली पार्टी बनेगी।” उन्होंने यह भी कहा कि यह अभियान बिहार के साथ-साथ 20 अन्य राज्यों में भी चल रहा है। तेजस्वी यादव ने विश्वास जताया कि समाज के सभी वर्ग राजद से जुड़ेंगे।
हर बूथ पर 62 सदस्य बनाने का टारगेट
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में जीत सुनिश्चित करने के लिए राजद ने बूथ स्तर तक व्यापक रणनीति बनाई है। पार्टी ने अपने नेताओं, विधायकों, पूर्व विधायकों और कार्यकर्ताओं को निर्देश दिया है कि हर बूथ पर कम से कम 62 सदस्य बनाए जाएं। पार्टी का मानना है कि यह रणनीति चुनावी सफलता सुनिश्चित करेगी। हर नेता और कार्यकर्ता को यह टारगेट पूरा करने का स्पष्ट निर्देश दिया गया है।
620 रुपए प्रति बूथ का टास्क
राजद का मकसद सिर्फ सदस्य जोड़ना ही नहीं, बल्कि सदस्यता शुल्क के जरिए पार्टी की आर्थिक स्थिति भी मजबूत करना है। सदस्य बनने के लिए प्रति व्यक्ति 10 रुपए की रसीद दी जाती है। हर बूथ पर 62 सदस्य बनाने पर 620 रुपए पार्टी खजाने में जमा होंगे। यह रकम पार्टी को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने में मदद करेगी।
5 करोड़ रुपए की संभावित आय
बिहार में 2024 लोकसभा चुनाव के दौरान कुल बूथों की संख्या 77,462 थी। यदि हर बूथ पर 62 सदस्य बनाए जाते हैं, तो यह संख्या 48 लाख 2 हजार 644 तक पहुंच जाएगी। सदस्यता शुल्क के आधार पर यह अभियान राजद को 4 करोड़ 80 लाख, 26 हजार, 440 रुपए की आय दिलाएगा। यह तो सामान्य सदस्यता का अनुमान है। सक्रिय सदस्यता के लिए शुल्क अधिक होने से यह आमदनी और बढ़ सकती है।