नई दिल्ली: असम में कांग्रेस नेता और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कानूनी प्रकोष्ठ के सचिव मृदुल इस्लाम की मौत ने राजनीतिक माहौल को गरमा दिया है। उनकी मौत को लेकर कांग्रेस ने विरोध प्रदर्शन शुरू किया, जिससे गुवाहाटी के दिसपुर और अन्य इलाकों में तनाव बढ़ गया। इस घटना ने सत्तारूढ़ भाजपा सरकार और विपक्ष के बीच विवाद को और गहरा कर दिया है।

मृत्यु का मामला: क्या हुआ मृदुल इस्लाम के साथ?

मृदुल इस्लाम कांग्रेस के कानूनी प्रकोष्ठ के सचिव और एक वकील थे। बुधवार को वह गुवाहाटी में राजभवन के पास प्रदर्शन कर रहे थे। कांग्रेस का यह प्रदर्शन अडानी समूह और केंद्र सरकार के खिलाफ था। पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प के दौरान आंसू गैस के गोले छोड़े गए। दावा किया गया कि एक आंसू गैस का गोला मृदुल इस्लाम के पास गिरा, जिससे उन्हें घुटन हुई। उन्हें गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

मृत्यु के बाद शुरू हुआ विरोध प्रदर्शन

इस घटना के बाद, कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं ने राज्यभर में विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। शुक्रवार को प्रदेश कांग्रेस ने दिसपुर स्थित जनता भवन का घेराव किया।

– युवा कांग्रेस का नेतृत्व: युवा कांग्रेस अध्यक्ष जुबैर अनम ने प्रदर्शन की अगुवाई की। उन्होंने मृदुल इस्लाम की मौत की न्यायिक जांच की मांग की और विरोध जताया।

– पुलिस की कार्रवाई: पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए बैरिकेडिंग लगाई। जब प्रदर्शनकारियों ने इसे पार करने की कोशिश की, तो पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया।

गुवाहाटी में तनाव: पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच संघर्ष

दिसपुर और हाटीगांव इलाकों में कांग्रेस कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच संघर्ष हुआ।

– भीड़ नियंत्रण के लिए पुलिस की तैनाती: विरोध प्रदर्शन से निपटने के लिए गुवाहाटी पुलिस ने व्यापक इंतजाम किए। दिसपुर के चारों ओर भारी सुरक्षा तैनात की गई।

कांग्रेस नेताओं की गिरफ्तारी

– कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष भूपेन बोरा और पूर्व सांसद रिपुन बोरा को हिरासत में लिया गया।

– युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय भानु शिवा को उनके होटल में ही पुलिस ने नजरबंद कर दिया।

– गुवाहाटी पुलिस आयुक्त दिगंत बोरा खुद धरना स्थल पर मौजूद थे।

राजनीतिक नेताओं का आक्रोश और बयानबाजी

कांग्रेस नेताओं ने मृदुल इस्लाम की मौत के लिए भाजपा सरकार को जिम्मेदार ठहराया।

– गौरव गोगोई का बयान: कांग्रेस सांसद और लोकसभा में उपनेता गौरव गोगोई ने मृदुल इस्लाम की मौत को हत्या करार दिया। उन्होंने कहा, “मृदुल इस्लाम ने भाजपा और अडानी के भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ते हुए अपनी जान दी। हम न्याय की मांग करते हैं।”

– भूपेन बोरा का आरोप: असम कांग्रेस अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि यह घटना सत्तारूढ़ भाजपा सरकार की “योजनाबद्ध हत्या” थी।

कांग्रेस का संसद में प्रदर्शन

मृदुल इस्लाम की मौत के विरोध में कांग्रेस सांसदों ने संसद परिसर में प्रदर्शन किया। गौरव गोगोई और रॉकीबुल हुसैन सहित कई अन्य सांसदों ने केंद्र सरकार के खिलाफ नारे लगाए।

मृदुल इस्लाम का परिवार और उनकी पृष्ठभूमि

मृदुल इस्लाम कांग्रेस के एक समर्पित नेता थे। उनके परिवार का भी कांग्रेस पार्टी से गहरा नाता रहा है। उनकी मां फातिमा बेगम ने भी पंचायत सदस्य के रूप में 15 साल तक पार्टी का प्रतिनिधित्व किया।

गौरव गोगोई और अन्य नेताओं ने उनके परिवार से मुलाकात की और न्याय का भरोसा दिलाया।

प्रदर्शन पर रोक लगाने के लिए धारा 163 लागू

गुवाहाटी में किसी भी प्रकार के विरोध प्रदर्शन को रोकने के लिए प्रशासन ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 लागू कर दी। इसके तहत पांच से अधिक लोगों के इकट्ठा होने, नारेबाजी और प्रदर्शन पर प्रतिबंध लगाया गया।

कांग्रेस का रुख और भाजपा पर आरोप

कांग्रेस का दावा है कि यह घटना भाजपा सरकार के दमनकारी रवैये का उदाहरण है।

– भाजपा पर हमले: कांग्रेस नेताओं ने भाजपा सरकार को “तानाशाही” करार दिया।

– अडानी विवाद को लेकर हमला: विरोध प्रदर्शन अडानी समूह के मुद्दों और मणिपुर संकट पर सरकार की चुप्पी के खिलाफ था।

घटना का प्रभाव: राजनीतिक और सामाजिक मुद्दे

मृदुल इस्लाम की मौत ने राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर राजनीतिक हड़कंप मचा दिया है।

– राजनीतिक दलों की प्रतिक्रिया: कांग्रेस के अलावा अन्य विपक्षी दलों ने भी इस घटना की निंदा की।

– सामाजिक आक्रोश: लोगों ने इसे एक शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों के खिलाफ सख्ती का मामला बताया।

मृदुल इस्लाम की मौत ने असम की राजनीति में नई उथल-पुथल पैदा कर दी है। कांग्रेस इस घटना को मुद्दा बनाकर भाजपा सरकार पर हमलावर है। वहीं, राज्य सरकार ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस ने कार्रवाई की। इस मामले में न्यायिक जांच की मांग तेज हो गई है, लेकिन यह देखना बाकी है कि सच्चाई क्या है और दोषियों को कब सजा मिलेगी।

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