पटना: 13 दिसंबर को पटना के एक परीक्षा केंद्र पर बीपीएससी (BPSC 70वीं परीक्षा) के दौरान अभ्यर्थियों ने भारी हंगामा किया। इस घटना की जांच का जिम्मा बीपीएससी ने पटना जिला प्रशासन को सौंपा था। आयोग ने पटना के जिलाधिकारी (DM) से रिपोर्ट मांगी थी, जो अब आयोग को सौंप दी गई है। इस रिपोर्ट के आधार पर जल्द ही बड़ी कार्रवाई की संभावना है।
परीक्षा में असामाजिक तत्वों की भागीदारी
जिला प्रशासन की रिपोर्ट के अनुसार, परीक्षा में कुछ असामाजिक तत्व शामिल थे, जो जानबूझकर गड़बड़ी फैलाना चाहते थे। इन तत्वों का एक समूह परीक्षा भवन के बाहर भी सक्रिय था। उन्होंने अतिरिक्त केंद्र अधीक्षक पर परीक्षा रद्द करने का दबाव बनाया, लेकिन अधीक्षक ने इसे ठुकरा दिया।
परीक्षा को बाधित करने की साजिश
कुछ परीक्षार्थी पहले से ही परीक्षा में व्यवधान डालने और तोड़फोड़ करने की योजना बनाकर आए थे ताकि परीक्षा रद्द हो जाए। रिपोर्ट में इन उपद्रवियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करने और सख्त कानूनी कार्रवाई की सिफारिश की गई है। इसके साथ ही, कुछ नामी कोचिंग संस्थानों की भूमिका की भी जांच की जरूरत बताई गई है।
अभ्यर्थियों की हरकतों की जांच जारी
बापू परीक्षा परिसर में करीब 12,000 अभ्यर्थी इस परीक्षा में शामिल होने वाले थे, लेकिन केवल 5,671 ओएमआर शीट ही जमा हो सकीं। परीक्षा के दौरान कुछ अभ्यर्थियों के परिसर में इधर-उधर घूमते हुए वीडियो वायरल हुए हैं, जिनकी भी जांच की जा रही है। वरीय दंडाधिकारी ब्रज किशोर लाल, वरीय उप समाहर्ता और केंद्राधीक्षक द्वारा दी गई रिपोर्ट जिला प्रशासन ने बीपीएससी को भेज दी है। साथ ही परीक्षा केंद्र के सीसीटीवी फुटेज भी आयोग को भेजे गए हैं।
परीक्षा संचालन में सुधार के सुझाव
रिपोर्ट में परीक्षा संचालन को लेकर सुझाव दिए गए हैं। बापू परीक्षा परिसर में बड़ी संख्या में परीक्षार्थियों के कारण प्रबंधन को कुशल बनाने के लिए प्रत्येक तल को एक अलग परीक्षा केंद्र घोषित किया जाए। इसके लिए अलग-अलग केंद्राधीक्षक और दंडाधिकारी नियुक्त किए जाने चाहिए। प्रशासन ने यह भी सुझाव दिया है कि बापू परीक्षा परिसर या अन्य केंद्रों का चयन भी विशेष रूप से सावधानीपूर्वक किया जाए। इस रिपोर्ट के बाद जिला प्रशासन और बीपीएससी मिलकर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करेंगे।

































