पटना: आज बिहार में चार विधानसभा सीटों—बेलागंज, इमामगंज, तरारी, और रामगढ़—पर उपचुनाव हो रहे हैं। यह चुनाव बहुत ही महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं क्योंकि 2025 में राज्य में विधानसभा चुनाव होंगे, और इन उपचुनावों को सेमीफाइनल के रूप में देखा जा रहा है। इन सीटों के परिणामों को लेकर राजनीतिक हलकों में जबरदस्त उत्सुकता है। वोटों की गिनती 23 नवंबर को होगी।

मतदाता केंद्रों पर उमड़ी भीड़

इन चार सीटों पर कुल 38 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं, जिनमें 33 पुरुष और 5 महिला प्रत्याशी शामिल हैं। मतदान केंद्रों पर मतदाताओं की लंबी कतारें देखी जा रही हैं। सुबह से ही लोग अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने के लिए मतदान केंद्रों पर पहुंच रहे हैं। गया जिले की इमामगंज और बेलागंज सीटों पर भी मतदान जारी है, जहां मतदाताओं का जोश दिखाई दे रहा है।

इमामगंज विधानसभा क्षेत्र में सुबह से ही लंबी कतारें

इमामगंज विधानसभा क्षेत्र में सुबह से ही लंबी कतारें लग चुकी हैं। युवा, महिलाएं और बुजुर्ग सभी वोट डालने के लिए उत्साहित हैं। मतदान केंद्रों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। मतदान सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक होगा।

3,04,398 मतदाता करेंगे मतदान

इमामगंज विधानसभा क्षेत्र में कुल 3,04,398 मतदाता हैं। प्रशासन ने उपचुनाव के लिए सारी तैयारियां पूरी कर ली हैं। इस क्षेत्र में तीन प्रखंड—डुमरिया, इमामगंज, और बांकेबाजार—आते हैं। इन तीनों प्रखंडों में शांतिपूर्ण तरीके से मतदान कराने के लिए कुल 346 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। बांकेबाजार प्रखंड में 100 मतदान केंद्रों पर 89,168 मतदाता वोट डालेंगे, वहीं इमामगंज में 147 बूथों पर 1,36,230 मतदाता वोट देंगे। डुमरिया प्रखंड में 99 बूथों पर 79,000 मतदाता मतदान करेंगे।

जीतनराम मांझी की प्रतिष्ठा दांव पर

इमामगंज उपचुनाव में जीतनराम मांझी की बहू दीपा मांझी मैदान में हैं। यह चुनाव मांझी की प्रतिष्ठा के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि वे सरकार से कई महत्वपूर्ण मांगों को लेकर मतदान करने पहुंचे हैं।

बेलागंज में वोटिंग और विरोध

बेलागंज विधानसभा क्षेत्र में भी मतदान जारी है। सुबह 9 बजे तक बेलागंज में 9.12 प्रतिशत मतदान हो चुका था। हालांकि, गया जिले के बेलागंज विधानसभा क्षेत्र के बेलहाड़ी पंचायत के मतदान केंद्र संख्या 24 पर ग्रामीणों ने वोट बहिष्कार कर दिया। यहाँ के सैकड़ों ग्रामीणों ने अपनी मांगों को लेकर मतदान का विरोध किया है। उनका कहना है कि गाँव तक पहुँचने के लिए कोई रास्ता नहीं है, और बरसात के मौसम में संपर्क पूरी तरह से कट जाता है। इस समस्या को लेकर अब तक किसी भी जनप्रतिनिधि ने ध्यान नहीं दिया है, जिस कारण ग्रामीणों में गहरी नाराजगी है। यही कारण है कि उन्होंने वोट बहिष्कार करने का निर्णय लिया है।

रामगढ़ में भी वोट बहिष्कार की खबर

कैमूर जिले के रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र में भी उपचुनाव हो रहे हैं। यहाँ के दुर्गावती प्रखंड के खड्सरा गांव के लोगों ने भी बूथ संख्या 57 और 58 पर वोट बहिष्कार कर दिया। गांववालों का आरोप है कि उन्हें अपनी आवाज उठाने का कोई अवसर नहीं मिल रहा है। खड्सरा गांव में रहने वाले दिनेश सिंह कुशवाहा का कहना है कि वे पिछले कई वर्षों से रेल्वे अंडरपास और ओवरब्रिज की मांग कर रहे हैं, लेकिन किसी भी जनप्रतिनिधि ने उनकी समस्या का समाधान नहीं किया। कई बार दुर्घटनाएं हो चुकी हैं, लेकिन सरकार ने इस मुद्दे पर कोई ध्यान नहीं दिया। इसलिए उन्होंने वोटिंग का बहिष्कार किया है। बूथ संख्या 57 के पीठासीन अधिकारी ने भी पुष्टि की कि अब तक किसी ने अपना वोट नहीं डाला और यह विरोध रेलवे अंडरपास की मांग को लेकर किया जा रहा है।

बिहार के इन उपचुनावों के परिणाम आगामी विधानसभा चुनावों के लिए एक महत्वपूर्ण संकेतक साबित हो सकते हैं। मतदाता केंद्रों पर वोटिंग के साथ-साथ कुछ जगहों पर विरोध भी देखने को मिल रहा है, जो स्थानीय समस्याओं और विकास कार्यों को लेकर जनप्रतिनिधियों से नाराजगी को दर्शाता है।

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