पटना: पटना मेट्रो निर्माण कार्य के दौरान कल रात हुए हादसे में घायल व पटना के कंकड़बाग थाना के निकट अवस्थित मेडिवर्सल हॉस्पिटल के आईसीयू वन के बेड नम्बर 408 पर बुरी तरह जख्मी व इलाजरत मजदूर श्याम राम तथा इनकी पत्नी व मजदूर साथियों से ऐक्टू के जांच दल में शामिल भाकपा (माले) एमएलसी एवं स्कीम वर्कर की नेता शशि यादव तथा ट्रेड यूनियन ऐक्टू के राष्ट्रीय सचिव रणविजय कुमार ने मुलाकात कर हाल चाल सहित पूरी घटना के सम्बन्ध में विस्तृत जानकरी ली।
झूठी खबर फैलाने का आरोप
इलाजरत मजदूर श्याम राम और उनके मजदूर साथीयों व पत्नी पूजा कुमारी से मुलाकात के बाद एमएलसी शशि यादव व ऐक्टू नेता रणविजय कुमार ने पत्रकारों को बताया कि पटना साइंस कॉलेज के निकट घटित घटना में लोको इंजन का ब्रेक फेल होने से हादसा हुआ व मिट्टी कटाई के कारण हादसा हुआ की खबर झूठी है।
आपराधिक लापरवाही का आरोप

AICCTU नेताओं ने बताया कि ये हादसा मशीन जनित नहीं बल्कि एल एन्ड टी कम्पनी के प्रोजेक्ट मैनेजर आलोक डे, फोरमैन अजीत, नवाज तथा सिविल इंजीनियर अभिषेक के आपराधिक लापरवाही के कारण 2 मजदूरों की मृत्यु हुई तथा एक मजदूर मेडिवर्सल हॉस्पिटल में जीवन और मौत से जूझ रहा है।
AICCTU ने बताया ये कारण

ऐक्टू की टीम ने बताया कि घटना न तो लोको इंजन के ब्रेक फेल होने और न मिट्टी कटाई के दौरान हुई ,वास्तविक कारण है कि 25 वर्षीय ऑपरेटर मनोज एवं 40 वर्षीय श्याम राम के मना करने के वाबजूद उक्त सिविल इंजीनियर एवं फोरमैन ने जबरन लोको इंजन के आगे लगे 2 फ्लैट कार पर 2 क्विंटल वजनी सोडियम पम्प पहुंचाने के लिए पम्प को पकड़ने के लिए बिठा दिया।मृतक ऑपरेटर मनोज एवं इलाजरत श्याम राम ने सोडियम पम्प पकड़ने से यह कहते हुए इंकार किया कि लोको इंजन के पीछे लगे 3 कंटेनर जिसमे ब्रेक नहीं है और तीनों कन्टेनर लोड होने के कारण लगभग 120 टन वजनी है,और लोको इंजन 250 मीटर आगे 2 मीटर नीचे चलकर अपनी जगह पहुंचेगा तब लोको इंजन का ब्रेक काम नहीं करेगा इसलिए आप लोको इंजन के पीछे लगे 3 लोडेड कन्टेनर को हटाइए, इन मजदूरों की बात सिविल इंजीनियर और फोरमैन ने नहीं मानी और जबरन सोडियम पम्प पकड़कर लोको इंजन के आगे लगे फ्लैट कार में बिठा दिया नतीजतन मजदूरों की आशंका अनुरूप लोको इंजन में ब्रेक लगाने के बाद भी लोको इंजन के पीछे लगे 120 टन वजनी 3 कन्टेनर के वजन से घिसटते हुए घटना घट गई और इन दो में से एक सोडियम पम्प को पकड़ने वाले ऑपरेटर मनोज और लोको पायलट विजय की घटनास्थल पर मौत हो गयी और सोडियम पम्प को पकड़ने वाले दूसरे ऑपरेटर श्याम राम मेडिवर्सल हॉस्पिटल में जीवन मौत से जूझ रहे है।
AICCTU जांच टीम का निष्कर्ष

प्रथम दृष्टया ऐक्टू की जांच टीम ने पाया है कि सुरक्षा मापदण्डों को नकारते हुए मजदूरों के मनाही के वाबजूद आपराधिक लापरवाही के कारण कामकाज की परिक्रिया को आगे बढाने के कारण यह दुःखद घटना घटित हुई।इसकी विस्तृत जांच स्वतन्त्र एजेंसी से कराई जानी चाहिए।
AICCTU की मांग
मृतक के परिजनों को 50-50 लाख का मुआवजा,पत्नी को आजीवन पेंशन और परिवार के एक सदस्य को पटना मेट्रो में नौकरी की गारंटी की मांग की है। साथ ही इलाजरत मजदूर के परिजन के ठहराव एवं अन्य खर्च की तत्काल व्यवस्था प्रोजेक्ट मैनेजर और कम्पनी एल एन्ड टी से करने की मांग की है।

ऐक्टू नेता एमएलसी शशि यादव और ऐक्टू नेता रणविजय कुमार ने श्रम विभाग से पटना मेट्रो में कार्रत सभी मजदूरों की सूची संसूचित कर सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध कराने की भी मांग की है। AICCTU नेताओं ने बताया कि इस मामले को लेकर रणवीर रंजन सहायक श्रमायुक्त पटना से फोन पर बात की है। AICCTU नेताओं ने पटना मेट्रो निर्माण में सुरक्षा मानदण्डों, श्रम कानूनों की निगरानी बिहार सरकार का श्रम विभा से करने तथा दुर्घटना के बाद हड़ताल पर गए दो साइट के मजदूरों की मांगों पर निर्माण कम्पनी और श्रम विभाग से गम्भीरतापूर्वक विचार करने की भी मांग की है।