पटना: सक्षमता परीक्षा पास शिक्षकों को सॉफ्टवेयर द्वारा विद्यालय आवंटन किया जाएगा। यह प्रक्रिया बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) से नियुक्त अध्यापकों के लिए भी लागू होगी। शिक्षकों का स्कूल आवंटन सॉफ्टवेयर के माध्यम से रैंडमाइजेशन के आधार पर होगा। इसके लिए शिक्षकों को ऑनलाइन आवेदन देना होगा।
BPSC से नियुक्त शिक्षकों का भी ट्रांसफर होगा ट्रांसफर
BPSC से नियुक्त शिक्षकों का भी ट्रांसफर किया जाएगा। इसके लिए उन्हें आवेदन करना होगा। नई नीति के तहत पहली सक्षमता परीक्षा पास कर चुके आठ हजार से अधिक शिक्षकों का पदस्थापन विशिष्ट शिक्षक के रूप में किया जाएगा।
सक्षमता परीक्षा के दौरान शिक्षकों से तीन जिलों के विकल्प लिए गए थे, और इसी आधार पर उन्हें रिजल्ट के साथ जिलों का आवंटन किया गया है। यदि किसी शिक्षक को आवंटन से संतोष नहीं है, तो वे पुनः सक्षमता परीक्षा दे सकते हैं। जिले का आवंटन सक्षमता के अंकों के आधार पर हुआ है।
इस बीच, सक्षमता पास अधिकांश शिक्षकों की काउंसलिंग हो चुकी है। जिन शिक्षकों की काउंसलिंग नहीं हुई है, उनके लिए नया शेड्यूल जारी होगा। इसके बाद ट्रांसफर के लिए आवेदन और अन्य प्रक्रियाएं प्रारंभ होंगी।
निगरानी ने फर्जी शिक्षक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई
निगरानी ने काटी प्रखंड के मध्य विद्यालय कुशीहरपुर रमणी की प्रखंड शिक्षक सोनी कुमारी के खिलाफ कांटी थाने में एफआईआर दर्ज कराई है। वह फर्जी डिग्री के आधार पर 16 शिक्षक के पद पर कार्यरत थी। प्रखंड नियोजन इकाई भी संदेह के घेरे में है। सोनी ने असम के गुवहाटी से मिली डिग्री के आधार पर नौकरी हासिल की थी, जो जांच में गलत साबित हुई।
सोनी की डिग्री 2006-2007 की है। इसके बाद निगरानी इंस्पेक्टर उपेंद्र कुमार ने उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई। उसकी नियुक्ति अक्टूबर 2010 में मध्य विद्यालय हरपुर रमणी में हुई थी। वह पानापुर करियात थाना के श्यामपुर बोझा गांव की निवासी है और नौकरी शुरू होने के बाद से लगातार विद्यालय में कार्यरत है।
निगरानी पहले भी कटरा, सरैया, गायघाट थानों में प्राथमिकी दर्ज करा चुकी है। पूरे मामले में नियोजन इकाई की भूमिका संदिग्ध है, क्योंकि उन्हें फर्जी संस्थानों की सूची दी गई थी। शिक्षा विभाग ने सभी नियोजन इकाइयों को सीडी प्रदान की थी। इसके बावजूद नियोजन इकाई ने जानबूझकर ऐसे शिक्षकों को बहाल किया है। कई शिक्षकों का मानना है कि नियोजन इकाई की जिम्मेदारी अधिक होनी चाहिए, और उनके खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए।