पटना: शहरी और योजनाबद्ध क्षेत्रों में स्वीकृत नक्शा और बिल्डिंग बायलॉज का उल्लंघन करने वाले मकानों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे। इसमें आर्किटेक्ट और भवन मालिक दोनों की जिम्मेदारी होगी। स्वीकृत नक्शे से अधिक विचलन होने पर जुर्माना लगाया जाएगा और गंभीर मामलों में निर्माण को ध्वस्त किया जाएगा।
नगर निगम कार्यालय में महापौर निर्मला देवी की अध्यक्षता में भवन निर्माण स्वीकृति, बिहार भवन निर्माण उपविधि 2014 और सुगठित शहरी विकास पर एक बैठक आयोजित की गई। महापौर और नगर आयुक्त ने शहर में अवैध और अव्यवस्थित निर्माण पर चिंता व्यक्त की और कड़े कदम उठाने की चेतावनी दी।
भवन निर्माण से पहले स्वीकृत नक्शा लेना आवश्यक
महापौर ने कहा कि शहर के सुरक्षित और सुनियोजित विकास के लिए भवन निर्माण से पहले स्वीकृत नक्शा लेना जरूरी है। यह केवल कानून का पालन नहीं, बल्कि शहर को व्यवस्थित और ट्रैफिक समस्याओं से मुक्त बनाने का एक अहम कदम है।
उन्होंने नागरिकों से अनुरोध किया कि वे भवन का निर्माण नगर निगम के स्वीकृत नक्शे और नियमों के अनुसार करें, ताकि ट्रैफिक जाम, पार्किंग समस्याओं और अव्यवस्थित शहरी विकास से बचा जा सके।
निर्धारित मानक के अनुसार सेटबैक रखना अनिवार्य
नगर आयुक्त विक्रम विरकर ने कहा कि बिहार भवन निर्माण उपविधि 2014 के अनुसार हर भवन के लिए सामने, साइड और पीछे निर्धारित मानक के अनुसार सेटबैक रखना आवश्यक है।
उन्होंने बताया कि पैनल में सूचीबद्ध आर्किटेक्ट से स्वीकृत नक्शे के अनुसार ही निर्माण करना अनिवार्य है। आर्किटेक्ट और भवन मालिक दोनों को स्वीकृत नक्शे के अनुसार निर्माण की जिम्मेदारी उठानी होगी।
नक्शा स्वीकृति के लिए ऑनलाइन आवेदन करें
उन्होंने नागरिकों की सुविधा के लिए नक्शा स्वीकृति के लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया की जानकारी दी। इससे समय की बचत होगी और प्रक्रिया पारदर्शी रहेगी। अवैध निर्माण को रोकने और शहर के सुनियोजित विकास को बढ़ावा देने के लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे।
बैठक में महापौर, उपमहापौर डॉ. मोनालिसा और स्थायी समिति के सदस्य उपस्थित थे।

































