पटना: राज्य में नदियों से अवैध बालू खनन की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं, जिससे न केवल बालू की कीमतों में अनियमित उछाल आ रहा है बल्कि सरकार को भी राजस्व की हानि हो रही है। इस समस्या के समाधान के लिए, सरकार ने अवैध खनन से निपटने के लिए विशेष सख्ती बरतने का निर्णय लिया है। अब बालू माफिया और उनके सहयोगियों के खिलाफ क्राइम कंट्रोल एक्ट (सीसीए)-2023 के तहत मामला दर्ज किया जाएगा।
मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में अवैध खनन की बढ़ती घटनाओं की समीक्षा की गई। इसमें पाया गया कि राज्य की नदियों से लाल और सफेद बालू का अवैध खनन बढ़ रहा है और बालू माफिया की गतिविधियाँ प्रत्येक जिले में बढ़ती जा रही हैं। खनन के दौरान खनन पदाधिकारियों और पुलिस बल पर हमलों की भी रिपोर्ट मिल रही है, साथ ही सरकार को राजस्व का भी बड़ा नुकसान हो रहा है।
मुख्य सचिव मीणा ने सभी जिलाधिकारियों (डीएम) और पुलिस अधीक्षकों (एसपी) को निर्देश दिया कि वे अवैध बालू खनन पर काबू पाने के लिए क्राइम कंट्रोल एक्ट-2023 के तहत कार्रवाई करें। संगठित गिरोह और धंधेबाजों की पहचान कर उनकी गैरकानूनी गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए आवश्यक प्रस्ताव तैयार कर राज्य मुख्यालय को भेजने का निर्देश भी दिया गया है।
सीसी एक्ट के तहत जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षकों को व्यापक अधिकार प्राप्त हैं, जैसे वारंट जारी करना, गिरफ्तारी और जेल भेजने का अधिकार, और आपराधिक मामलों में कार्रवाई सुनिश्चित करना। इसके अलावा, गैरकानूनी सामान जब्त करने और अन्य ठोस कदम उठाने की शक्ति भी इस एक्ट में शामिल है।
अवैध बालू खनन पर रोक के लिए उठाए गए कदमों में शामिल हैं:
- बालू लदे वाहनों पर 20 इंच चौड़ी लाल पट्टी पर खनन वाहन की जानकारी दर्ज करना अनिवार्य किया गया।
- अवैध खनन की सूचना देने वाले को पांच से दस हजार रुपये का पुरस्कार देने की घोषणा की गई।
- वैध बालू के गंतव्य तक पहुंचाने के लिए वाहनों में जीपीएस लगाना और इनकी निगरानी के लिए कमांड कंट्रोल सेंटर स्थापित किया जाएगा।
- विभिन्न जिलों में सीसीटीवी युक्त चेक पोस्ट का निर्माण किया जाएगा।
- पुलिस के सहयोग से छापामार दस्तों का गठन और अवैध खनन के खिलाफ छापामारी अभियान चलाकर बालू और वाहनों की जब्ती की जाएगी।
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