पटना: भोजपुर जिले में अधिकारियों और कर्मचारियों का कार्यालय से अनुपस्थित रहना अब महंगा पड़ने लगा है। नए डीएम तनय सुल्तानिया ने कार्यभार संभालने के बाद सभी प्रखंड, अनुमंडल और जिला मुख्यालय के कार्यालयों का निरीक्षण शुरू कर दिया है। इस निरीक्षण के दौरान, 13 और 14 सितंबर को, छह अधिकारियों और आठ कर्मचारियों की अनुपस्थिति पाई गई। डीएम ने उनकी लापरवाही के लिए एक दिन का वेतन रोकने का आदेश दिया है और सभी से दो दिनों के भीतर स्पष्टीकरण मांगा है। इसके साथ ही, डीएम ने कहा है कि इस लापरवाही के कारण संबंधित विभाग को कार्रवाई के लिए लिखा जाए।
13 और 14 सितंबर को निरीक्षण के दौरान, पीरो में सबसे ज्यादा अनुपस्थिति पाई गई, जहां तीन अधिकारी और छह कर्मचारी अनुपस्थित थे। अनुपस्थित अधिकारियों में पीरो के सीओ, सीडीपीओ, और बीपीआरओ शामिल थे। अनुपस्थित कर्मचारियों में रविराज कुमार, जितेंद्र नारायण सिंह (लिपिक), रामबाबू शर्मा (डाटा एंट्री ऑपरेटर), मो. नूर वारसी (कार्यपालक सहायक), जनेश्वर पांडे (प्रधान सहायक), और राजेश कुमार (कार्यपालक सहायक) शामिल थे।
गड़हनी में भी एमवाईसी, सीडीपीओ, प्रखंड सांख्यिकी पदाधिकारी, शकुंतला कुमारी (पर्यवेक्षिका), और मुकेश कुमार (डाटा एंट्री ऑपरेटर) अनुपस्थित पाए गए। 13 सितंबर को पीरो में एसडीओ की और 14 सितंबर को गड़हनी में बीडीओ की जांच के दौरान ये लोग अनुपस्थित थे।
हाल के दिनों में भोजपुर जिले में अधिकारियों और कर्मचारियों के कार्यालय से गायब रहने की आदत बन गई थी। नए डीएम ने इसे रोकने के लिए कड़ी कार्रवाई शुरू की है। उन्होंने बताया कि कार्यालय में अनुपस्थित रहने वालों के खिलाफ आगे भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी, क्योंकि इस लापरवाही के कारण जनता के काम प्रभावित हो रहे हैं और विकास कार्यों पर भी असर पड़ रहा है।
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