पटना: शुक्रवार को जदयू नेता और ग्रामीण कार्य मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि राजद नेताओं को गलतफहमी है। उनके अनुसार, जदयू की स्थिति मजबूत है, जबकि राजद में दरारें आ रही हैं। उन्होंने यह भी दावा किया कि राजद के कई विधायक जदयू के संपर्क में हैं। चौधरी ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि हाल ही में उनकी दिल्ली यात्रा के दौरान कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता से मुलाकात हुई थी, और इसी दौरान तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की थी, जिससे कई चर्चाएं शुरू हो गई थीं।
चौधरी ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी सिर्फ कांग्रेस के संपर्क में नहीं है, बल्कि वे बाइडेन और पुतिन से भी संपर्क में हैं। तेजस्वी यादव की यात्रा पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि यादव को त्याग करना होगा, केवल गमछा बदलने से कोई फर्क नहीं पड़ेगा। भगवा पहनने से कोई पंडित नहीं बन जाता, यह सिर्फ दिखावा है।
जदयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने भी राजद पर तीखा हमला किया, आरोप लगाया कि राजद सत्ता में वापसी के लिए लूट-खसोट का ख्वाब देख रहा है। उन्होंने कहा कि राजद सुप्रीमो ने परिवारवाद में जेपी-लोहिया के समाजवाद को कलंकित किया है और सत्ता में बैठकर लूट और भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया है। उनके अनुसार, लालू परिवार का राजनीतिक स्वभाव कभी भी समाज के शोषित और वंचित वर्गों की भलाई के लिए नहीं रहा, और 2025 के चुनाव में उनका सपना धराशायी हो जाएगा।
विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री सुमित कुमार सिंह ने कहा कि राजद का कुशवाहा-यादव समीकरण असफल साबित होगा। जदयू प्रदेश कार्यालय में आयोजित जन सुनवाई कार्यक्रम के दौरान उन्होंने यह बयान दिया। सुमित ने कहा कि यह समीकरण केवल राजनीतिक दिखावा है और समाज का हर वर्ग मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ मजबूती से खड़ा है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि राजद की ओर से उठाए गए आपराधिक घटनाओं के मुद्दे पर उपदेश देने से पहले तेजस्वी यादव को अपने माता-पिता के शासनकाल की तुलना नीतीश कुमार के शासनकाल से करनी चाहिए। जन सुनवाई कार्यक्रम में जदयू नेता प्रो. नवीन आर्या चंद्रवंशी और प्रदेश महासचिव अरुण कुशवाहा भी मौजूद थे।
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