नई दिल्लीः रेलवे में नौकरी के बदले जमीन लेने के मामले में बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है। मनी लॉन्ड्रिंग केस की जांच कर रही ईडी ने तेजस्वी यादव समेत कुल 11 आरोपियों के खिलाफ राउज एवेन्यू कोर्ट में सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल कर दी है। तेजस्वी के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल होने के बाद कोर्ट आगामी 13 अगस्त को इसपर सुनवाई करेगी।
दरअसल, लालू प्रसाद के रेल मंत्री रहते हुए भारतीय रेलवे के ग्यारह जोन में ग्रुप डी भर्ती में भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे. उन्होंने लोगों की ज़मीन और आवास ले लिए और उन्हें रेलवे में नौकरियाँ दे दीं। मामले की जांच सीबीआई और ईडी दोनों कर रही हैं. जांच करने पर पता चला कि लालू ने अपने और अपने परिवार के लोगों के नाम पर इन जमीनों की रजिस्ट्री कराई थी। सीबीआई और ईडी ने इस मामले में लालू प्रसाद, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बेटी मीसा भारती, दूसरी बेटी हेमा यादव, तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव समेत कई लोगों पर मामला दर्ज किया है. इस मामले में ED और CBI दोनों जांच एजेंसियों का शिकंजा लालू परिवार पर कसता जा रहा है। इस मामले में भोला यादव और अमित कात्याल के अलावा लालू यादव, तेजस्वी, राबड़ी मीसा सभी जमानत पर हैं। केस की सुनवाई दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट में चल रही है।
इस मामले में सीबीआई ने शुक्रवार को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में फाइनल चार्जशीट दाखिल की है. आरोपपत्र में लालू प्रसाद और उनकी पत्नी, बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव समेत कुल 78 लोगों को आरोपी बनाया गया है। CBI ने अपनी फाइनल चार्जशीट में लालू परिवार के साथ 38 कैंडिडेट्स समेत कुल 78 लोगों को आरोपी बनाया है। अब ED ने भी इस मामले में तेजस्वी यादव पर शिकंजा कसा है। ED ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में तेजस्वी यादव समेत कुल 11 आरोपियों के खिलाफ राउज एवेन्यू कोर्ट में पहला पूरक आरोप पत्र दाखिल कर दिया है। इसमे 96 दस्तावेज भी हैं। कोर्ट ने आरोप पत्र और दस्तावेजों की जांच के लिए 31 अगस्त की तारिख निर्धारित की है। ऐसे में माना जा रहा है कि तेजस्वी यादव की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
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