रांची/झारखंड: 25 जुलाई 2024 को लोकसभा में बीजेपी सांसद गोड्डा निशिकांत दुबे की टिप्पणी को लेकर झारखंड में सियासत तेज हो गई है. अब झारखंड मुक्ति मोर्चा भी इस मामले में बीजेपी सहयोगी नीतीश कुमार को फंसाने की कोशिश कर रही है. झामुमो नेता सुप्रियो भट्टाचार्य ने गोड्डा सांसद द्वारा लोकसभा में झारखंड के संथाल परगना प्रमंडल, बिहार के कोसी प्रमंडल और पश्चिम बंगाल के मालदा -मुर्शिदाबाद जिले को मिलाकर नया केंद्र शासित प्रदेश बनाने वाले वक्तव्य को BJP की सोची-समझी साजिश के तहत दिया हुआ बयान बता दिया है.
सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि बिहार के CM मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को यह साफ़ करना चाहिए कि क्या वह अपने राजनीतिक सहयोगी पार्टी BJP के सांसद द्वारा दिए बयान से इत्तेफाक रखते हैं. क्या वह नए केंद्र शासित प्रदेश के लिए बिहार का विखंडन के लिए तैयार हैं? मीडिया संवाद के दौरान झामुमो नेता ने बिहार की सत्ता में शामिल BJP के 2 उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा से पूछा कि वह बिहार के विखंडन के लिए तैयार हैं.
सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि बीजेपी सांसद का बयान कोई नियमित और अचानक दिया गया बयान नहीं बल्कि बीजेपी की दूरगामी सोच और रणनीति का हिस्सा है. झारखंड की जनता इसे कतई स्वीकार नहीं करेगी. जेएमएम नेता ने कहा कि कि दरअसल 2024 में झारखंड विधानसभा चुनाव, 2025 में बिहार विधानसभा चुनाव और 2026 में पश्चिम बंगाल में विधानसभा के चुनाव होने हैं और इसलिए जान-बूझकर पहले भाजपा सांसद से लोकसभा में यह बयान दिलवाया गया है.
झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव और प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि लोकसभा के अंदर कही गई बातें सामान्य बातें नहीं होती हैं, बल्कि वह लोकसभा के रिकॉर्ड का हिस्सा बन जाती हैं. उन्होंने कहा कि 5 अगस्त 2019 को भाजपा की केंद्र की सरकार ने जम्मू-कश्मीर राज्य को खंडित कर दिया था और उसका राज्य का दर्जा छीन लिया था. 5 वर्ष से वहां चुनाव नहीं कराए गए. अब फिर एक बार BJP की केंद्र सरकार घुसपैठ और डेमोग्राफिक चेंज के बहाने एक और विखंडन की तैयारी में है. राज्य की जनता और झारखंड मुक्ति मोर्चा इसे कभी स्वीकार नहीं करेगा.
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