मिलर हाई स्कूल मैदान में पेंशन संघर्ष महारैली का आयोजन

पटना: नेशनल मूवमेंट ऑफ ओल्ड पेंशन स्कीम के आह्वान (एनएमओपीएस -NMOPS) पर पटना मिलर हाई स्कूल मैदान में रविवार को पेंशन संघर्ष महारैली का आयोजन किया गया। पेंशन संघर्ष महारैली के समर्थन में ऐक्टू नेताओं ने केंद्र की बीजेपी सहित अन्य राज्य सरकारों पर जमकर निशाना साधा। ऑल इंडिया स्कीम वर्कर्स फेडरेशन (AISWF) की राष्ट्रीय महासचिव व माले एमएलसी शशि यादव, कर्मचारी महासंघ (गोप गुट) के अध्यक्ष सह ऐक्टू नेता रामबली प्रसाद और ऐक्टू राष्ट्रीय सचिव रणविजय कुमार , महासंघ (गोप गुट) महासचिव एवं एनएमओपीएस बिहार प्रभारी प्रेमचंद कुमार सिन्हा आदि नेताओं ने रैली को संबोधित किया।

पेंशन चोर गद्दी छोड़ का संकल्प लें: शशि यादव
माले एमएलसी शशि यादव ने एनपीएस/यूपीएस के खिलाफ ओपीएस बहाली के लिए जारी आंदोलन का समर्थन करते हुए इसे कर्मचारियों-शिक्षकों के जीवन-मरण का मुद्दा बताया। उन्होंने बताया कि हमारी पार्टी भाकपा माले और इंडिया गठबंधन विधान सभा के अन्दर इस मांग को लेकर भाजपा-जदयू की सरकार को लगातार घेरते आये हैं। अब मौका आया है कि आप और हमलोग पेंशन चोर गद्दी छोड़ का संकल्प और गर्जना करें और इस सरकार से अपनी पीड़ाओं का हिसाब बराबर कर लें। माले एमएलसी शशि यादव ने बदला लो – बदल डालो का आह्वान किया।

”चुनावी घोषणा पत्र में का जिक्र नहीं तो…”
ऐक्टू के राष्ट्रीय सचिव रणविजय कुमार ने रैली को संबोधित करते हुए कहा कि पुरानी पेंशन को देश पर बोझ बताने वाली केंद्र की बीजेपी सहित अन्य सरकार देश पर बोझ है। उन्होंने कहा कि मेहुल चौकसी, विजय माल्या आदि अनगिनत जैसे लोग जो देश का हजारों करोड़ लूटने वाले हैं और अडानी अंबानी जैसे कारपोरेट को लाखों करोड़ के बैंक लोन माफ कर दिया जाता है और टैक्स में छूट दिया जाता है। रणविजय कुमार ने नीतीश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि बिहार की एनडीए सरकार जो खुद 71 हजार करोड़ जितनी बड़ी राशि का भ्रष्टाचार करने में लगी है। रणविजय कुमार ने कहास कि ये सभी सरकारें देश पर बोझ हैं। रणविजय कुमार ने कहा कि जो राजनीतिक दल ओपीएस के सवाल को अपने चुनाव घोषणा पत्र का हिस्सा नहीं बनाते, उन्हें सत्ता में आने से रोकने के लिए एकजुट होकर मुंहतोड़ जवाब देंगे।

”बिहार सरकार ने खत्म किया था ओपीएस”
कर्मचारी महासंघ (गोप गुट) के अध्यक्ष रामबली प्रसाद ने पूर्व भाजपा सरकार के प्रधानमंत्री स्व० अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्रित्व में पहली बार भाजपा सरकार ने कारपोरेटों-पूंजीपतियों को प्रत्यक्ष आर्थिक लाभ पहुंचाने के लिए सरकारी कर्मचारियों-शिक्षकों को आजादी के बाद से मिल रही पेंशन – पारिवारिक पेंशन प्रणाली (OPS) को खत्म कर दिया। रामबली प्रसाद ने केंद्र की मोदी सरकार और अन्य राज्य सरकारों पर वेतन पेंशन फंड और राजकोष की राशि कारपोरेटों को सौंपने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि अनेक आंदोलनों के बावजूद ओपीएस बहाल नहीं किया गया। बिहार की भाजपा-जदयू सरकार ने ओपीएस ख़त्म कर एनपीएस लागू कर दिया। तो वहीं दूसरी तरफ विधायकों के पेंशन के नियम को नया कानून बनाकर निर्वाचित प्रमाण पत्र मिलने की तिथि से आजीवन पेंशन देने का निर्णय किया। जबकि कर्मचारी शिक्षकों के ओपीएस की मांग के साथ गद्दारी करने का आरोप लगाया। रामबली प्रसाद ने आगामी बिहार विधान सभा चुनाव में ओपीएस चोर गद्दी छोड़ तथा ओपीएस देना होगा नहीं तो तुमको जाना होगा का नारा दिया।

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