पटना: बिहार में बालू माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई का दावा तो किया जाता है, लेकिन ज़मीनी हकीकत कुछ और ही है। कागज़ों पर मामले दर्ज कर पुलिस और प्रशासन अपनी जिम्मेदारियों से मुक्त हो जाते हैं। पटना में भी ऐसा ही हो रहा है। हाल ही में सिटी एसपी ने सोन नहर का तटबंध काटने वाले बालू बंदोबस्तधारियों के खिलाफ केस दर्ज करने का आदेश दिया। लेकिन, हकीकत में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।

चिट्ठी भेजकर जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ा

पटना पश्चिम के नगर पुलिस अधीक्षक ने 2 दिसंबर को पालीगंज के एसडीओ को पत्र लिखा। इसमें उन्होंने बताया कि सोन नहर का बांध काटकर रास्ता बनाया गया है और कार्रवाई करना आवश्यक है। पत्र में यह भी कहा गया कि कार्यपालक अभियंता, सोन नहर प्रमंडल पटना और जिला खनन अधिकारी समन्वय स्थापित कर दोषियों को चिन्हित करें और एफआईआर दर्ज कराएं। साथ ही अवैध बालू उत्खनन रोकने के लिए संबंधित विभागों के साथ नियमित बैठकें आयोजित करने का निर्देश दिया गया।

जिम्मेदारी एक-दूसरे पर डाली जा रही है

सिटी एसपी का पत्र 2 दिसंबर को भेजा गया था, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। पुलिस और प्रशासन के अधिकारी सिर्फ निर्देश देने तक सीमित रहे। पालीगंज के एसडीओ और सोन नहर प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता ने भी चिट्ठियां लिखकर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया।

संयुक्त अभियान की जरूरत

पालीगंज एसडीओ का कहना है कि सिटी एसपी के पत्र के आधार पर कार्रवाई की जा रही है। वहीं, सोन नहर प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता ने कहा कि जब तक पुलिस, खनन विभाग और अन्य संबंधित विभाग साथ मिलकर अभियान नहीं चलाएंगे, तब तक बालू माफियाओं पर लगाम नहीं लग पाएगी। उन्होंने बताया कि कार्रवाई के लिए पूरी जानकारी पुलिस को भेज दी गई है।

नतीजा अब भी अधूरा

बालू माफियाओं के खिलाफ ठोस कार्रवाई के लिए संयुक्त प्रयास की जरूरत है। लेकिन, विभागों के बीच समन्वय की कमी और जिम्मेदारी एक-दूसरे पर थोपने के कारण अब तक कोई नतीजा नहीं निकल पाया है।

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