पटना: नीट यूजी पेपर लीक मामले में गिरफ्तार एम्स पटना के चार छात्रों को अभी तक सस्पेंड नहीं किया गया है। साथियों की गिरफ्तारी से तनावग्रस्त एमबीबीएस-नर्सिंग छात्र-छात्राओं के साथ बैठक में यह जानकारी संस्थान के निदेशक सह सीईओ प्रो. डा. गोपाल कृष्ण पाल ने शुक्रवार को दी। उन्होंने कहा कि अभी तक CBI कार्यालय से कोई लिखित दस्तावेज संस्थान को उपलब्ध नहीं कराया गया है। इसके अलावा गुरुवार को CBI की विशेष कोर्ट के जज ने भी चारों छात्रों को दोषी करार नहीं दिया है। इस परिस्थिति में उनके सस्पेंड की बात का फैसला लेना सही नहीं होगा।
CBI द्वारा पुख्ता साक्ष्य उपलब्ध कराने के बाद दोबारा विशेष बैठक बुलाकर छात्रों के निलंबन पर फैसला लिया जाएगा। वहीं, शुक्रवार को भी CBI की टीम चारों छात्रों के सील किए गए कमरों की तलाशी लेने नहीं पहुंची। वहीं, सुबह एम्स प्रशासन को जानकारी दी गई थी कि टीम जांच करने आ रही है। इसे देखते हुए मुख्य वार्डेन समेत कई अधिकारियों-कर्मचारियों को छात्रावास में तैनात किया गया था।
दरअसल, NEET पेपर लीक मामले की जांच कर रही CBI की टीम ने पटना एम्स में पढ़ाई करने वाले चार मेडिकल स्टूडेंड को बुधवार की रात हिरासत में लिया था। सीबीआई को शक था कि चारों के सॉल्वर्स गैंग से जुड़े हुए हैं। सीबीआई की गिरफ्त में आए चारों मेडिकल स्टूडेंट 2021 बैच के हैं। रेड के बाद सीबीआई ने चारों के कमरों को सील कर दिया था और उनके मोबाइल और लैपटॉप जब्त कर लिए थे। चारों से पूछताछ के लिए सीबीआई उन्हें अपने साथ ले गई थी।करीब 9 घंटे की पूछताछ के बाद सीबीआई ने चारों मेडिकल स्टूडेंट को अरेस्ट कर लिया था।
इसके बाद चारों को कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने चारों को रिमांड पर भेज दिया है। सॉल्वर गैंस से जुड़े जिन चार डॉक्टरों को सीबीआई ने हिरासत में लिया है उनमें चंदन सिंह सीवान का रहने वाला है, कुमार शानू पटना का रहने वाला है, राहुल आनंद धनबाद का रहने वाला है और करण जैन अररिया का रहने वाला बताया जा रहा है।पूरे मामले पर पटना AIIMS के कार्यकारी निदेशक जीके पॉल ने कहा था कि हमारे लिए ये चौंकाने वाली बात है कि हमारे स्टूडेंट्स ऐसी बात में शामिल हैं। हम सीबीआई की रिपोर्ट आने का इंतजार करेंगे। अगर हमारे ये स्टूडेंट्स शामिल रहे होंगे तो इनपर एक्शन होगा।
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