नई दिल्लीः केंद्र सरकार ने NEET लीक मामले में सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया है, जिसमें आईआईटी मद्रास के हलफनामे का हवाला देते हुए केंद्र सरकार ने कहा कि उसे NEET परीक्षा में बड़े पैमाने पर नकल का कोई सबूत नहीं मिला और ऐसे में उसे दोबारा परीक्षा की जरूरत नहीं लगती है। सुप्रीम कोर्ट केंद्र सरकार के हलफनामें पर आज सुनवाई कर रही है।
केंद्र सरकार ने कहा है कि वह दोबारा परीक्षा लेने का समर्थन नहीं करती है और सरकार यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रही है कि मामले में दोषी पाए गए किसी भी उम्मीदवार को कोई लाभ न दिया जाए। इस परीक्षा से संबंधित डेटा पर विस्तृत मूल्यांकन आईआईटी मद्रास ने किया है और विश्लेषण से यह पता चलता है कि बड़े पैमाने पर गड़बड़ी नहीं हुई है। किसी कोचिंग या किसी दूसरे स्थानीय समूह को इसका लाभ नहीं मिला। परीक्षाओं को पादर्शी तरीके से संचालन के लिए एक कमेटी का गठन किया गया है।
जानकारी के लिए बता दें कि इससे पहले सोमवार को मामले की सुनवाई करते हुए SC ने कहा था कि NEET परीक्षा की पवित्रता से समझौता हुआ है। नीट पेपर लीक की व्यापकता निर्धारित होने के बाद यह तय किया जा सकता है कि संबंधित परीक्षा फिर से कराने की जरूरत है या नहीं है। सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस जे बी पादरीवाला और जस्टिस मनोज मिश्र की पीठ ने सभी दलीलों को सुनने के बाद कहा था कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि परीक्षा की पवित्रता से समझौत हुआ है।
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