पटना: राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव एक बार फिर सक्रिय नजर आ रहे हैं। भले ही वह बड़े राजनीतिक कार्यक्रमों में कम दिखते हों, लेकिन लोगों से मिलकर अपनी मौजूदगी का अहसास जरूर कराते हैं। इसी क्रम में रविवार को उन्होंने मसौढ़ी पहुंचकर पीड़ित परिवारों से मुलाकात की और आर्थिक सहायता भी दी। लालू यादव ने सरकार से मांग की कि पीड़ित परिवार को उचित मुआवजा दिया जाए ताकि उनका जीवन यापन सही से हो सके।
मसौढ़ी में मृतकों के परिवार से मिले लालू यादव
रविवार को लालू प्रसाद यादव मसौढ़ी के हांसडीह, डोरीपर और बेगमचक गांव पहुंचे, जहां उन्होंने भीषण सड़क हादसे में मारे गए मजदूरों के परिजनों से मुलाकात की। लालू यादव ने एक-एक कर सभी पीड़ित परिवारों से मिले और हरसंभव मदद का आश्वासन दिया। साथ ही, उन्होंने मृतकों के परिजनों को 10 हजार रुपये की आर्थिक सहायता भी दी।

लालू ने दिया हरसंभव मदद का भरोसा
इस दौरान लालू यादव ने पीड़ित परिवार के बच्चों से भी बातचीत की। हालांकि, उन्होंने मीडिया से कोई बात नहीं की लेकिन मृतकों के परिजनों को भरोसा दिलाया कि वह सरकार से उचित मुआवजा दिलाने की सिफारिश करेंगे।
“लालू प्रसाद यादव जी हमारे गांव आए थे, हमसे मिले और भरोसा दिया कि हमारी मदद करेंगे। ज्यादा बातचीत नहीं की, लेकिन 10 हजार रुपये की आर्थिक सहायता जरूर दी।” मालती देवी, मृतक मजदूर की पत्नी, डोरीपर गांव
‘गरीबों के मसीहा यूं ही नहीं हैं लालू जी’
आरजेडी की झारखंड इकाई की उपाध्यक्ष अनिता यादव ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लालू यादव का वीडियो शेयर किया। उन्होंने X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा
“लालू जी को गरीबों का मसीहा यूं ही नहीं कहा जाता। 76 साल की उम्र में, अस्वस्थ होने के बावजूद, उन्होंने मसौढ़ी में हुए भीषण सड़क हादसे में पीड़ित परिवारों से मुलाकात की और आर्थिक मदद भी की। वह जन-जन के नेता हैं, बहुजनों की आवाज हैं, उनकी ताकत और हिम्मत हैं।”
सड़क हादसे में गई थी 7 मजदूरों की जान
दरअसल, 23 फरवरी की रात मसौढ़ी-नौबतपुर मार्ग पर धनीचक चक मोड़ के पास एक ट्रक और टेंपो की जोरदार टक्कर हो गई थी। इस दर्दनाक हादसे में 7 मजदूरों की मौत हो गई थी। इनमें डोरीपर गांव के 4 मजदूर, हांसडीह के टेंपो चालक, और बेगमचक गांव के एक मजदूर शामिल थे। ये सभी रोजाना पटना मजदूरी करने जाते थे और देर शाम अपने गांव लौटते थे।
घटना के बाद मुआवजे की मांग को लेकर मसौढ़ी में पीड़ित परिवारों ने विरोध प्रदर्शन भी किया, लेकिन अब तक पूरी सहायता राशि नहीं मिली है।