पटना: पूर्वी बिहार के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल मायागंज के फैब्रिकेटेड वार्ड में महज एक घंटे के भीतर पांच मरीजों की मौत हो गई, जिससे अस्पताल में अफरा-तफरी मच गई। अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए गुस्साए परिजनों ने एक डॉक्टर को बंधक बना लिया। हालांकि, मौके पर पहुंची पुलिस ने किसी तरह स्थिति को नियंत्रित किया। मृतकों में से तीन के परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया, जबकि दो मृतकों के परिवार शव लेकर घर चले गए।

मामूली बीमारी के बाद भी नहीं बची जान

पहली घटना में कहलगांव के विक्रमशिला निवासी विनोद राम की इलाज के दौरान मौत हो गई। परिजनों का कहना है कि वह हल्की बीमारी के चलते भर्ती हुए थे, लेकिन डॉक्टरों ने लापरवाही बरती और सही इलाज नहीं दिया। जब परिजनों ने डॉक्टरों से सलाह लेनी चाही तो उन्हें नजरअंदाज कर दिया गया। गुस्साए परिजनों ने डॉक्टर को बंधक बना लिया, हालांकि सुरक्षाकर्मियों ने किसी तरह मामले को शांत कराया।

फल विक्रेता की इलाज से पहले ही मौत

दूसरी घटना में फल विक्रेता कन्हैया पासवान की मौत हो गई। जानकारी के अनुसार, वह काम के दौरान अचानक बेहोश हो गए थे, जिसके बाद उन्हें मायागंज अस्पताल लाया गया। परिजनों का आरोप है कि अस्पताल में पहले से हंगामा हो रहा था, जिससे डॉक्टरों और स्टाफ ने उन पर ध्यान नहीं दिया। समय पर इलाज न मिलने के कारण उन्होंने दम तोड़ दिया।

पेट दर्द के बाद भर्ती महिला की भी गई जान

तीसरी घटना किरण देवी की है, जिन्हें पेट दर्द की शिकायत के बाद भर्ती कराया गया था। इलाज के दौरान उनकी भी मौत हो गई, जिसके बाद परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही के गंभीर आरोप लगाए। मृतका की बेटी पूजा कुमारी का कहना है कि अस्पताल के गार्ड ने उन्हें रोकते हुए कहा कि “यह मरने की जगह है।” परिजनों का दावा है कि गलत इंजेक्शन देने से उनकी मां की मौत हुई।

“मेरी मां बिल्कुल ठीक थीं। हम उन्हें निजी अस्पताल ले जाना चाहते थे, लेकिन डॉक्टरों ने नहीं जाने दिया। यहां कोई व्यवस्था नहीं है। लगातार मरीजों की मौत हो रही है।” – पूजा कुमारी, मृतक किरण देवी की बेटी

अस्पताल परिसर में तनाव, भारी पुलिस बल तैनात

लगातार हो रही मौतों से नाराज परिजनों ने अस्पताल परिसर में जमकर हंगामा किया और तोड़फोड़ की कोशिश की। स्थिति बिगड़ते ही अस्पताल में भारी पुलिस बल की तैनाती कर दी गई और पूरे परिसर को सुरक्षा घेरे में ले लिया गया।

क्या बोले अस्पताल अधीक्षक?

मायागंज अस्पताल के अधीक्षक डॉ. हेमशंकर शर्मा ने कहा कि कुल तीन मरीजों की मौत हुई है। डॉ. वैध अली की निगरानी में उन्हें गंभीर हालत में भर्ती कराया गया था और उनके परिजनों को स्थिति के बारे में पहले ही बता दिया गया था। उन्होंने लापरवाही के आरोप को गलत बताया, लेकिन आश्वासन दिया कि मामले की जांच कराई जाएगी। वहीं, मृतकों के परिजन शव लेकर अपने घर लौट गए हैं और फिलहाल अस्पताल में हालात सामान्य हैं।

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