ये किसी को बताने की जरूरत नहीं कि बिहार हर साल बाढ़ से हुई तबाही के मंजर से गुजरता है। बाढ़ की समस्या से निजात पाने के लिए बिहार सरकार हर साल अपने स्तर से अस्थायी व्यवस्था करती है। लेकिन इसका स्थायी समाधान बिना केंद्र के सहयोग के संभव नहीं है। यही कारण है कि बिहार में जब भी एनडीए की सरकार बनी है, विपक्ष डबल इंजन की सरकार पर हमले करने से नहीं चुकता। महागठबंधन छोड़ने के बाद नीतीश कुमार ने बीजेपी के साथ मिलकर बिहार में सरकार बनाई और एनडीए के साथ लोकसभा चुनाव भी लड़ा। यही नहीं नीतीश कुमार ने केंद्र में एनडीए के सरकार गठन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र को सीएम नीतीश कुमार को नजरअंदाज करना आसान नहीं होगा। यही कारण है कि बिहार सरकार की पहल पर बाढ़ से निपटने के लिए पांच सदस्यीय कमेटी बनाई गई है। ये कमेटी कल 4 जुलाई को अपनी रिपोर्ट केंद्रीय जल आयोग को सौंप देगी। जिसके बाद कमेटी के सुझावों पर सरकार ठोस कदम उठायेगी।

राज्यसभा सांसद संजय झा ने दी जानकारी
बिहार में बाढ़ से निपटने के लिए प्रयास में जुटी डबल इंजन की सरकार की जानकारी राज्यसभा सांसद संजय झा ने दी है। दरअसल संजय झा ने वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात कर बिहार में बाढ़ की समस्या से अवगत कराया था। जिसके बाद केंद्रीय वित्तमंत्री ने एक उच्चस्तरीय बैठक आयोजित कर 5 सदस्यीय कमेटी का गठन किया। ये कमेटी बिहार में बाढ़ की समस्या का कारण और निवारण का सुझाव केंद्र सरकार को देगी।

संजय झा ने वित्तमंत्री को दिया धन्यवाद
संजय झा ने सोशल मीडिया ‘एक्स’ पर लिखा है कि ‘मैं हृदय से धन्यवाद देना चाहूंगा माननीया वित्त मंत्री जी को, कि उन्होंने उत्तर बिहार में बाढ़ के प्रभाव को कम करने से संबंधित मेरे सुझावों को काफी गंभीरता से सुना; और उसी दिन शाम में एक और उच्चस्तरीय मीटिंग बुलाई, जिसमें मुझे भी शामिल होने के लिए कहा। शाम की मीटिंग में माननीय केंद्रीय विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर जी और केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय की सचिव सुश्री देबश्री मुखर्जी जी के अलावा वित्त, विदेश और जलशक्ति मंत्रालय के कुछ वरीय अधिकारी भी शामिल हुए’। जेडीयू सांसद ने लिखा, ‘इस महत्वपूर्ण मीटिंग में उत्तर बिहार में बाढ़ के प्रभाव को कम करने के उद्देश्य से बेहतर जल प्रबंधन का एक विस्तृत खाका तैयार करने के मुद्दे पर विस्तृत चर्चा हुई। मैंने विस्तार से बताया कि नेपाल से आने वाली नदियों की बाढ़ उत्तर बिहार के विकास की राह में कितनी बड़ी बाधा है। साथ ही, बाढ़ से जानमाल की सुरक्षा के कार्यों, राहत एवं पुनर्वास के उपायों में बिहार सरकार को हर साल बड़ी राशि खर्च करनी पड़ती है, जिससे राज्य का विकास प्रभावित होता है। बिहार के जल संसाधन मंत्री के रूप में काम करने के अपने अनुभवों के आधार पर मैंने इसके समाधान के लिए कई सुझाव भी दिये और सभी ने मेरे सुझावों को गंभीरता से सुना’। संजय झा ने लिखा कि, ‘मैं आभारी हूं माननीया वित्त मंत्री जी का, कि उनकी व्यक्तिगत अभिरुचि के कारण मीटिंग में तय किया गया कि एक उच्चस्तरीय समिति उत्तर बिहार की विभिन्न नदियों के जल के बेहतर प्रबंधन के लिए नये बराज एवं अन्य संरचनाओं के निर्माण की संभावनाओं का पता लगाएगी’।
संजय झा ने ये भी लिखा है कि, मुझे विश्वास है, NDA की डबल इंजन की सरकार उत्तर बिहार में हर साल बाढ़ के रूप में आने वाली आपदा को अवसर में तब्दील करेगी। हमारे उत्तर बिहार की भूमि काफी उपजाऊ है। वहां बाढ़ का दीर्घकालिक समाधान होने और अधिशेष नदी जल का सिंचाई में अधिकतम उपयोग होने पर संपूर्ण उत्तर बिहार में तेजी से विकास का मार्ग प्रशस्त होगा’।