नई दिल्ली: उड़ीसा में पद्म श्री पुरस्कार को लेकर दो व्यक्तियों के बीच टकराव हो गया है। मामला इतना बढ़ गया कि इसे उड़ीसा हाईकोर्ट तक ले जाया गया। कोर्ट ने दोनों पक्षों को 24 फरवरी को जवाब दाखिल करने के लिए तलब किया है। दोनों का दावा है कि 2023 का पद्म पुरस्कार उन्हें दिया गया है। उच्च न्यायालय ने याचिकाकर्ता अंतर्यामी मिश्रा और उनके प्रतिद्वंद्वी अंतर्यामी मिश्रा को 24 फरवरी को दोपहर 2 बजे व्यक्तिगत रूप से पेश होने का आदेश दिया है।

अदालत ने दिया प्रमाण प्रस्तुत करने का निर्देश

हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों को अपने दावे के समर्थन में प्रकाशित सभी प्रासंगिक पुस्तकें और तथ्य प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। न्यायमूर्ति संजीव कुमार पाणिग्रही की खंडपीठ ने अंतर्यामी मिश्रा की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया है।

पत्रकार ने ले लिया पुरस्कार, डॉक्टर ने किया दावा

2023 के पद्म पुरस्कारों की सूची में उड़ीसा के अंतर्यामी मिश्रा का नाम 56वें स्थान पर दर्ज है। पत्रकार अंतर्यामी मिश्रा ने नई दिल्ली जाकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से यह सम्मान ग्रहण कर लिया। उन्हें साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए नागरिक सम्मान से नवाजा गया।

डॉक्टर का आरोप: मेरे नाम पर लिया गया सम्मान

बाद में पेशे से चिकित्सक डॉ. अंतर्यामी मिश्रा ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी। उन्होंने आरोप लगाया कि पत्रकार ने उनका नाम उपयोग कर यह सम्मान प्राप्त कर लिया है। इस विवाद पर अब 24 फरवरी को उच्च न्यायालय में फैसला सुनाया जाएगा।

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