रांची: उच्च न्यायालय ने झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को बड़ी राहत दी है. शुक्रवार को अदालत ने कथित भूमि घोटाले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सोरेन को जमानत दे दी। 13 जून को कोर्ट ने सोरेन की जमानत अर्जी पर अपना फैसला सुरक्षित दिया था. सोरेन के वरिष्ठ वकील अरुणाभ चौधरी ने कहा कि सोरेन को जमानत पर रिहा कर दिया गया है। आज कोर्ट के आदेश की कॉपी चली जाएगी कल वे बाहर आ सकते हैं। अदालत ने कहा कि प्रथम दृष्टया, वह दोषी नहीं हैं और जमानत पर रिहा किए जाने दौरान याचिकाकर्ता द्वारा कोई अपराध किए जाने की कोई संभावना नहीं है।
झारखंड मुक्ति मोर्चा के मुख्य कार्यकारी सोरेन को मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच के सिलसिले में प्रवर्तन निदेशालय ने 31 जनवरी को गिरफ्तार किया था। 48 वर्षीय सोरेन फिलहाल बिरसा मुंडा जेल में बंद हैं। सुनवाई के दौरान प्रवर्तन निदेशालय वकील एसवी राजू ने दलील दी कि अगर सुरेन को जमानत पर रिहा किया गया तो वह फिर से इसी तरह के अपराध करेंगे।
रांची में 8.86 एकड़ जमीन से संबंधित है जांच
सोरेन के खिलाफ जांच रांची में 8.86 एकड़ जमीन से संबंधित है। ईडी का दावा है कि इसे अवैध तरीके से कब्जे में लिया गया था। एजेंसी ने सोरेन, प्रसाद और सोरेन के कथित ‘फ्रंटमैन’ राज कुमार पाहन और हिलारियास कच्छप तथा पूर्व मुख्यमंत्री के कथित सहयोगी बिनोद सिंह के खिलाफ 30 मार्च को यहां विशेष पीएमएलए अदालत में आरोपपत्र दायर किया था। सोरेन ने रांची की एक विशेष अदालत में जमानत याचिका दायर की थी, जिसमें आरोप लगाया गया कि उनकी गिरफ्तारी राजनीति से प्रेरित थी और उन्हें भाजपा में शामिल होने के लिए मजबूर करने की सुनियोजित साजिश का हिस्सा थी।
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