पटना: बिहार में विशिष्ट शिक्षकों की नियुक्ति में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद, शिक्षा विभाग ने इस मामले में कठोर कदम उठाने का फैसला किया है। विभाग ने यह साफ कर दिया है कि अब नियुक्ति पत्र केवल निगरानी ब्यूरो की रिपोर्ट आने के बाद ही दिए जाएंगे। यदि निगरानी विभाग से क्लीन चिट मिल जाती है, तभी विशिष्ट शिक्षकों को नियुक्ति पत्र मिलेगा।
फर्जी सर्टिफिकेट मामले में की जा रही कार्रवाई
दरअसल, फर्जी सर्टिफिकेट के मामले में अब नियुक्ति पत्र केवल निगरानी ब्यूरो की रिपोर्ट के आधार पर ही जारी किए जाएंगे। पहले, जिन नियोजित शिक्षकों को जांच के दायरे में रखा गया था, उनके नियुक्ति पत्र पर रोक लगा दी गई थी। हालांकि, अब निगरानी ब्यूरो ने अपनी जांच में कई शिक्षकों को क्लीन चिट दी है और संबंधित रिपोर्ट शिक्षा विभाग को भेजी है।
क्लीन चिट प्राप्त शिक्षकों को मिलेगा नियुक्ति पत्र
प्राथमिक शिक्षा निदेशक पंकज कुमार ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों (डीईओ) को निर्देशित किया है कि वे निगरानी ब्यूरो से समन्वय बनाकर उन शिक्षकों की सूची प्राप्त करें जिनको क्लीन चिट मिली है। जानकारी के अनुसार, मुजफ्फरपुर जिले में 400 से ज्यादा शिक्षकों के फर्जी सर्टिफिकेट मामले की जांच चल रही है, जबकि पूरे राज्य में यह संख्या 5000 से अधिक है। निगरानी विभाग ने फर्जी प्रमाण पत्र पर नियुक्त शिक्षकों के खिलाफ दर्ज एफआईआर के आधार पर निर्देश दिया था कि ऐसे शिक्षकों को विशिष्ट शिक्षक का नियुक्ति पत्र न दिया जाए।
हाई कोर्ट का आदेश और विभागीय कदम
निदेशक ने बताया कि निगरानी एसपी, पटना ने सूचना दी है कि एफआईआर के बाद जांच के दौरान कई शिक्षकों के प्रमाण पत्रों और प्राथमिकी में दर्ज आरोपों की पुनः जांच की गई। इसके बाद एक अंतिम रिपोर्ट अदालत में पेश की गई, जिसमें कई शिक्षकों को निर्दोष पाया गया। निगरानी एसपी ने संबंधित जिलों के डीईओ और डीपीएम (स्थापना) को निर्देश दिया है कि वे एसपी कार्यालय से समन्वय कर जांच की अद्यतन स्थिति प्राप्त करें और इसके आधार पर आरोपमुक्त शिक्षकों को उनके नियुक्ति पत्र जारी करें।
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