पटना: पटना हाईकोर्ट ने 70वीं बीपीएससी सिविल प्रारंभिक परीक्षा को पुनः आयोजित किए जाने की याचिका पर सुनवाई की। पप्पू कुमार और अन्य की याचिका पर जस्टिस ए एस चंदेल ने सुनवाई करते हुए राज्य सरकार और बीपीएससी को 30 जनवरी 2025 तक हलफनामा दायर कर स्थिति स्पष्ट करने का आदेश दिया। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि आयोग द्वारा ली गई परीक्षा का परिणाम इस याचिका के अंतिम निर्णय पर निर्भर करेगा।

बड़ी धांधली का आरोप

वरीय अधिवक्ता वाई वी गिरी ने कोर्ट में कहा कि इस परीक्षा में बड़े पैमाने पर धांधली हुई है, लेकिन बीपीएससी न तो इन मामलों की जांच करा रहा है, न ही पुनः परीक्षा आयोजित करने के लिए तैयार है। उन्होंने बताया कि चार लाख उम्मीदवारों की प्रारंभिक परीक्षा 13 दिसंबर 2024 को 912 केंद्रों पर आयोजित की गई थी। बहुत से परीक्षा केंद्रों पर प्रश्नपत्र लीक होने का आरोप भी लगाया गया था।

4 जनवरी को पुनः परीक्षा

हालांकि, 4 जनवरी 2025 को पटना के बापू सभागार केंद्र में पुनः परीक्षा आयोजित की गई, जिसमें सभी उम्मीदवारों को 6 अंक दिए गए। इसमें तीन प्रश्न गलत थे, जबकि दो प्रश्न पिछली परीक्षा से ही थे। एक और प्रश्न गलत था। अधिवक्ता गिरी ने बताया कि 4 जनवरी को हुई परीक्षा में शामिल होने वाले उम्मीदवारों को 6 अंक दिए जाएंगे, जबकि अन्य उम्मीदवार इससे वंचित रहेंगे।

राज्य सरकार और बीपीएससी का बयान

राज्य सरकार की तरफ से महाधिवक्ता पीके शाही ने बताया कि इस मामले में एक जनहित याचिका दायर की गई है। उन्होंने कहा कि दोनों याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई होनी चाहिए। उन्होंने यह भी बताया कि प्रश्नपत्र में गड़बड़ी के खिलाफ आपत्तियाँ मंगाई गई हैं और इन आपत्तियों की जांच करने के बाद प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम घोषित किया जाएगा।

बीपीएससी का पक्ष

बीपीएससी की ओर से वरीय अधिवक्ता ललित किशोर ने कोर्ट को बताया कि किसी भी उम्मीदवार ने सही तरीके से बीपीएससी के समक्ष शिकायत दर्ज नहीं कराई है, जिससे यह जांच कैसे की जाएगी। इस मामले की अगली सुनवाई 31 जनवरी 2025 को की जाएगी।

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