नई दिल्लीः जैसे ही साल 2025 की शुरुआत हुई, भारत में कई बड़े नियामक और वित्तीय बदलावों को लागू कर दिया गया है। ये बदलाव समाज के विभिन्न क्षेत्रों को प्रभावित करेंगे। इनमें प्रमुख अपडेट्स में जीएसटी अनुपालन के लिए अनिवार्य मल्टी-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (MFA), यूएस वीजा अपॉइंटमेंट का पुनर्निर्धारण, एलपीजी कीमतों में समायोजन, और EPFO पेंशन निकासी को सरल बनाना शामिल हैं। इसके अलावा, यूपीआई 123Pay की लेन-देन सीमा बढ़ाना और कृषि ऋण क्षेत्र के लिए नए नियम भी लागू किए गए हैं।
मुख्य बदलाव
LPG कीमतों में बदलाव
1 जनवरी 2025 को LPG सिलेंडर की कीमतों में समायोजन किया जाएगा। हालांकि, कोई बड़ा बदलाव नहीं किया गया है, लेकिन घरेलू और वाणिज्यिक LPG की कीमतों में बदलाव होने की संभावना है।
वीज़ा आवश्यकताएँ
- यूएस वीज़ा अपॉइंटमेंट पुनर्निर्धारण: भारतीय गैर-आप्रवासी वीज़ा आवेदक 1 जनवरी 2025 से बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के एक बार निःशुल्क अपने अपॉइंटमेंट को पुनर्निर्धारित कर सकते हैं। बाद में पुनर्निर्धारण के लिए पुनः आवेदन और शुल्क की आवश्यकता होगी।
- H-1B वीज़ा प्रक्रिया में बदलाव: 17 जनवरी 2025 से नए नियम लागू होंगे, जिनसे H-1B वीज़ा प्रक्रिया और लचीली बनेगी, ताकि नियोक्ताओं के लिए इसे और सरल बनाया जा सके और भारतीय F-1 वीजा धारकों के लिए भी यह आसान हो सके।
जीएसटी अनुपालन अपडेट
- अनिवार्य मल्टी-फैक्टर प्रमाणीकरण (MFA): सुरक्षा बढ़ाने के लिए, सभी करदाताओं को अब जीएसटी पोर्टल तक पहुंचने के लिए MFA अपनाना होगा। इसमें मोबाइल नंबर अपडेट करना और कर्मचारियों को प्रशिक्षण देना शामिल होगा।
- ई-वे बिल सीमाएँ: ई-वे बिल अब केवल उन दस्तावेज़ों के लिए लागू होंगे जो 180 दिनों से अधिक पुराने नहीं हैं, ताकि चालान और रसद के बीच बेहतर समन्वय हो सके।
UPI 123Pay लेन-देन सीमा बढ़ाई गई
UPI 123Pay के लेनदेन की सीमा 5,000 रुपये से बढ़ाकर 10,000 रुपये कर दी जाएगी, जिससे फीचर फोन उपयोगकर्ताओं को अधिक लचीलापन मिलेगा।
EPFO पेंशन निकासी सरलीकरण
1 जनवरी से EPFO के पेंशनभोगी अब बिना किसी अतिरिक्त सत्यापन के किसी भी बैंक से अपनी पेंशन निकाल सकेंगे, जिससे यह प्रक्रिया अधिक सुलभ हो जाएगी।
किसान ऋण नियम
भारतीय रिजर्व बैंक ने नए नियम लागू किए हैं, जिसके तहत किसान अब 2 लाख रुपये तक की बिना गारंटी वाली सुविधा का लाभ उठा सकते हैं।
शेयर बाजार के समाप्ति नियमों में बदलाव
सेंसेक्स और अन्य सूचकांकों की समाप्ति तिथियाँ 1 जनवरी 2025 से शुक्रवार के बजाय मंगलवार को बदलने लगेंगी। यह परिवर्तन साप्ताहिक और मासिक अनुबंधों को प्रभावित करेगा।


































