पटना: बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी जेडीयू ने जिला स्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन का आयोजन पूरा कर लिया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर यह सम्मेलन सभी जिलों में आयोजित किया गया। 15 अगस्त को इसका समापन हुआ। कार्यकर्ताओं में जोश भरने के लिए आयोजित इस सम्मेलन ने पार्टी को एक नई ऊर्जा दी। हालांकि, कुछ घटनाओं ने पार्टी को मुश्किल में भी डाला। अब जेडीयू नेतृत्व सम्मेलन की तीन दिवसीय समीक्षा करेगा।

तीन दिवसीय समीक्षा बैठक

जिला स्तरीय सम्मेलन की समीक्षा 16 दिसंबर से शुरू होकर 18 दिसंबर तक चलेगी। प्रदेश मुख्यालय में आयोजित इस बैठक में जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा प्रमंडलवार समीक्षा करेंगे। सभी विधानसभा प्रभारियों, प्रमंडल प्रभारियों और जिलाध्यक्षों को पटना बुलाया गया है। पार्टी ने इस आयोजन के लिए 9-9 नेताओं की सात टीमों का गठन किया था। बाढ़ जिला को छोड़कर सभी जगह सम्मेलन सफलतापूर्वक संपन्न हो गया।

मोतिहारी और भोजपुर में विवाद, पार्टी की फजीहत

इस सम्मेलन को जहां कई जगह शानदार समर्थन मिला, वहीं दो जिलों में विवाद ने पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचाया। मोतिहारी में आयोजित सम्मेलन में बापू सभागार में लात-घूंसे चलने की घटना ने पार्टी को बैकफुट पर ला दिया। विवाद पूर्वी चंपारण जिलाध्यक्ष मंजू देवी के बेटे रोहित कुमार और एक समर्थक के बीच हुआ, जो मंच पर हाथापाई तक पहुंच गया। मौके पर मौजूद मंत्री और विधायकों के सामने यह घटना हुई, जिसका वीडियो वायरल हो गया। दूसरी ओर, भोजपुर में भी मंच पर बैठने को लेकर नेताओं में बहस हुई। हालांकि, इसका वीडियो वायरल न होने से पार्टी को बड़ी शर्मिंदगी से बचा लिया गया।

पूर्णिया और दरभंगा में शानदार आयोजन

पार्टी के कई जिलों में सम्मेलन ऐतिहासिक रहा। पूर्णिया में आयोजित सभा बेहद सफल रही और कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा का संचार हुआ। इसी तरह, दरभंगा में भारी भीड़ ने नेताओं को उत्साहित कर दिया। इन सफल आयोजनों ने जेडीयू नेतृत्व को आगामी चुनाव के लिए सकारात्मक संकेत दिए हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here