पटना: बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) द्वारा कल तीसरे चरण की शिक्षक भर्ती परीक्षा का परिणाम घोषित किया गया। इस परिणाम में एक बड़ा पहलू यह रहा कि जितनी वैकेंसी थी, उससे कम संख्या में अभ्यर्थी इस परीक्षा में सफल हो पाए हैं।
वैकेंसी से कम सफल अभ्यर्थी
दरअसल, बिहार लोक सेवा आयोग ने इस भर्ती प्रक्रिया के लिए 44,478 पदों की घोषणा की थी, लेकिन इस परीक्षा में केवल 38,900 अभ्यर्थी ही सफल हो पाए। इसका मतलब है कि 5,578 पद अब भी खाली हैं, क्योंकि इन पदों के लिए कोई भी योग्य शिक्षक नहीं मिल पाए। यह परीक्षा राज्य भर में 19 से 22 जुलाई तक विभिन्न परीक्षा केंद्रों पर आयोजित की गई थी।
पास हुए अभ्यर्थियों की संख्या और परीक्षा में शामिल होने वाले
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के आंकड़ों के अनुसार, इस परीक्षा में कुल 275,916 अभ्यर्थियों ने भाग लिया था, जिनमें से महज 14.2% यानी 38,900 अभ्यर्थी ही सफल हो सके। हालांकि, कुल वैकेंसी में से लगभग 88% सीटों पर बहाली हो पाई है, फिर भी काफी पद खाली रह गए हैं।
कट ऑफ मार्क्स का विवरण
परीक्षा के विभिन्न विषयों में कट ऑफ मार्क्स भी भिन्न-भिन्न रहे। प्राथमिक स्तर पर कट ऑफ 80 से 85 के बीच था, जबकि मध्य विद्यालय के सामाजिक विज्ञान के लिए 92 से 97, विज्ञान और गणित के लिए 87 से 92, अंग्रेजी के लिए 88 से 92 और हिंदी के लिए 86 से 90 के बीच था। सामाजिक विज्ञान के लिए कट ऑफ 75 से 77, विज्ञान में 85 से 90, गणित में 90 से 95, अंग्रेजी में 75 से 80, और हिंदी में 78 से 82 के बीच था। उच्च माध्यमिक स्तर के लिए कट ऑफ 68 से 73 के बीच रहने का अनुमान है, जिसमें सामाजिक विज्ञान के लिए यह 80 से 85 और बाकी विषयों के लिए 68 से 73 के बीच रह सकता है। इस भर्ती परीक्षा में काफी संख्या में पद खाली रह गए हैं, और इसे लेकर परीक्षा के परिणामों पर सवाल उठाए जा रहे हैं कि क्यों इतनी कम संख्या में अभ्यर्थी सफल हो पाए।
































