पटना: भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी और पूर्व ऊर्जा विभाग के सचिव संजीव हंस के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई थमने का नाम नहीं ले रही है।शुक्रवार को, ईडी की टीम ने सुबह-सुबह संजीव हंस के पटना और दिल्ली स्थित ठिकानों पर एक बार फिर छापामारी की। यह कार्रवाई मनी लांड्रिंग एक्ट के अंतर्गत की गई है।
जानकारी के अनुसार, प्रवर्तन निदेशालय की पहल पर बिहार की विशेष निगरानी इकाई ने संजीव हंस और पूर्व विधायक गुलाब यादव के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया था। इस कार्रवाई के आधार पर ईडी ने हंस के खिलाफ नया मनी लांड्रिंग मामला दर्ज किया।
सूत्रों का कहना है कि इसी नए मामले के आधार पर ईडी ने आज की छापेमारी की। कार्रवाई अभी भी जारी है।
ईडी ने पहले भी जुलाई में की थी छापामारी
जुलाई में, प्रवर्तन निदेशालय की विभिन्न टीमों ने संजीव हंस और गुलाब यादव के पटना, झंझारपुर सहित 21 स्थानों पर छापे मारे थे। इसके बाद पंजाब, दिल्ली, मुंबई और कोलकाता में भी छानबीन की गई। इस दौरान 13 किलो चांदी, दो किलो सोने के सिक्के, 87 लाख नकद और विदेशी घड़ियों के अलावा अन्य दस्तावेज बरामद हुए थे।
सितंबर में संजीव हंस और पूर्व विधायक के खिलाफ दर्ज की गई FIR
विशेष निगरानी इकाई (एसवीयू) ने सितंबर में भ्रष्टाचार और आय से अधिक संपत्ति के मामले में संजीव हंस और झंझारपुर के पूर्व विधायक गुलाब यादव के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी। इसके साथ ही, कई अन्य लोगों को भी नामजद किया गया था।
एसवीयू ने यह कार्रवाई प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की सिफारिश पर की थी। संजीव हंस के खिलाफ कार्रवाई के लिए एसवीयू ने सरकार से अनुमति मांगी थी। ईडी की सिफारिश के बाद, मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा और डीजीपी आलोक राज की बैठक में इन पर FIR दर्ज करने की अनुमति दी गई।