रांची/झारखंड: मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने झारखंड में विधानसभा चुनाव के तारीखों का ऐलान मंगलवार को कर दिया । इाारखंड में दो चरणों में विधानसभा चुनाव होगें। पहला चरण 13 को होगा तथा दुसरा चरण 20 नवंबर को होगा। वहीं 23 नवंबर को परिणाम की धोषणा की जाएगी। बता दें कि झारखंड विधानसभा चुनाव में पहले चरण के लिए 43सीटों पर मतदान होनी हैं तो वहीं दुसरे चरण में 38 सीटों पर मतदान होनी है।
नामंकन की तिथि और नामंकन वापस लेने की तिथि
पहले चरण के नामंकन की तारीख 18 अक्टूवर है वहीं अंतिम तारीख 25 अक्टूवर है। जबकि दुसरे चरण की नामंकन प्रक्रिया 22 अक्टूबर है वहीं समापन प्रक्रिया 29 अक्टूबर है। नामंकन से नाम वापस लेने के लिए पहले चरण की अंतिम तारीख 30 अक्टूबर है तो वहीं दूसरे चरण के लिए नाम वापस लेने की अंतिम तारीख 1 नवंबर है।
2019 में किसको कितनी सीटें मिली थीं
बता दें कि झारखंड में मौजूदा समय में झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस, राजद गठबंधन की सरकार है। 2019 के विधानसभा चुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा को 30, भाजपा को 25 और कांग्रेस को 16 सीटें मिली थीं। इसके अलावा जेवीएम को तीन, एजेएसयूपी को दो और अन्य को पांच सीटें मिली थी। मौजूदा में झारखंड में हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री है।
2019 से 2024 विधानसभा चुनाव अलग होने की क्या वजह
इस बार की झारखंड विधानसभा चुनाव की सबसे अलग और खास बात यह है कि 2019 में बीजेपी शासनकाल में थी। वहीं बात करें, अभी की तो झामुमो सत्ता में है। पिछली बार बीजेपी की सत्ता थी तो उसे विरोधी लहर का काफी मुकावला करना पड़ा था। इस हेमंत सोरेन की सरकार को करना पड़ेगा।
जहां शहरी क्षेत्र वाले लोग उनसे अप्रसन्न हैं वहीं गाम्रीण क्षेत्र वाले उनसे प्रसन्न है। बाकी कि बात करें तो भाजपा इस बार अपनी पिछली गलती से मिले फीडबैक से इस बार गठबंधन में लड़ेगी चुनाव। 2024 के विधानसभा चुनाव इस लिए भिन्न हैं क्योंकि इस बार झाविमो पार्टी के कई दिग्गज चेहरा बीजेपी में शामिल है। बात कर रहे चंपाई सोरेन,दुर्गा सोरेन और उनकी पत्नी सीता सोरेन की।
कौन जीतेगा, किसका सम्मान रहेगा किसका जाएगा
वैसे तो यह विधानसभा चुनाव बीजेपी और इंडिया गठबंधन के बीच होनी हैं लेकिन असल तौर पर हेंमत सोरेन के परिवार की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। जहां बाबूलाल मरांडी बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष है उनके सामने बहुत बड़ी चुनौती होगी अपनी राजनीतिक अनुभव सिद्ध करना। वहीं बात करें सीता सोरेन की तो ये लोकसभा चुनाव हार गई थी। यह एक अच्छा टाईम हैं उनके पास अपने आप को प्रकाशित करने ,अपने आप को दिखाने के लिए।




































