रांची/झारखंड: झारखंड में चुनावी मुकाबला जीतने के लिए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने अपने 29 विभागों के सैकड़ों कार्यकर्ताओं और नेताओं को विशेष जिम्मेदारियां सौंपी हैं। प्रदेश कार्यालय में विधानसभा चुनाव को लेकर आयोजित पार्टी की चुनाव प्रबंधन समिति की बैठक में पूरी योजना बनाई गई।
ये नेता रहे मौजूद
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा, क्षेत्रीय संगठन महामंत्री नागेंद्र त्रिपाठी, महामंत्री कर्मवीर सिंह, सांसद आदित्य साहू, सांसद प्रदीप सिंह और सांसद मनीष जायसवाल सहित कई विधायक और पार्टी के पदाधिकारी मौजूद थे।
विधानसभा चुनाव जीतने के लिए तैयार की गई रणनीति
इस बैठक में लगभग 2 घंटे तक विभिन्न विभागों की समीक्षा के साथ विधानसभा चुनाव जीतने का लक्ष्य निर्धारित किया गया। चुनाव प्रबंधन समिति के संयोजक पूर्व सांसद सुनील सिंह ने पत्रकारों से कहा कि पार्टी ने प्रत्येक बूथ पर जीतने का संकल्प लिया है। उन्होंने बताया कि कार्यकर्ताओं को नेताओं के कार्यक्रमों और चुनाव प्रचार की जिम्मेदारी दी गई है।
सुनील सिंह ने कहा
सुनील सिंह ने बताया कि नेताओं के आगमन, उनके कार्यक्रमों की अनुमति और हेलीकॉप्टर प्रबंधन की जिम्मेदारी भी सौंपी गई है। इसके अलावा, कमजोर मतदान केंद्रों पर विशेष ध्यान देने की चर्चा हुई। बैठक में नेताओं के आगमन और उनकी चुनावी सभाओं पर भी विस्तृत विमर्श हुआ। उन्होंने कहा कि यदि सरकार बनती है, तो भाजपा ‘गोगो दीदी योजना’ लागू करेगी, जिसके लिए फॉर्म भरे जा रहे हैं। कार्यकर्ता इसमें सक्रिय रूप से भाग ले रहे हैं।
बैठक की जानकारी देते हुए सांसद आदित्य साहू ने कहा कि चुनाव की दृष्टि से यह बैठक बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि झारखंड को जिस तरह से लूटखंड में बदला गया है, यह बात राज्य की जनता अच्छी तरह समझती है।
इस बीच, जहां बीजेपी की चुनाव प्रबंधन समिति की बैठक चल रही है, वहीं झामुमो केंद्रीय समिति की एक विस्तारित बैठक भी आयोजित की गई है। यह बैठक रांची के सोहराय भवन में होगी, जिसकी अध्यक्षता मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन करेंगे। इसमें झामुमो के केंद्रीय नेतृत्व के साथ सभी जिलों के जिला अध्यक्ष भी शामिल होंगे।
यह ध्यान देने योग्य है कि चुनाव आयोग कभी भी झारखंड विधानसभा चुनाव की घोषणा कर सकता है, और सभी पार्टियां अपनी तैयारियों में जुटी हुई हैं।




































