पटना: बिहार में हर साल मानसून के दौरान बालू खनन पर रोक लगा दी जाती है. उसी के मुताबिक इस साल 15 जून से विभिन्न घाट नदियों में लाल और सफेद रेत का खनन बंद कर दिया गया है. अब बालू घाटों में बंदोबस्त धारी किसी प्रकार का खनन नहीं करेंगे. उन्हें पूर्व से स्टॉक किए गये बालू को ही बेचना होगा.
15 अक्टूबर तक बालू खनन पर रोक
खनन विभाग के निदेशक ने इस संबंध में संबंधित अधिकारियों को पत्र भेजकर पर्यावरण संरक्षण के दृष्टिकोण से पूरे मानसून काल यानी 15 जून से 15 अक्टूबर तक बालू खनन पर रोक लगा दी है, ताकि नदियों में रहने वाले जीवों की संख्या बढ़ाने के लिए उपयुक्त मौसम में खनन की इस प्रक्रिया से कोई नुकसान न हो. खान निदेशक ने सभी नदी घाटों पर बालू खनन पर लगी रोक की नियमित निगरानी संबंधित थानों द्वारा करने की भी आवश्यकता जताई है, ताकि एसआइए के तहत बिहार द्वारा की गई पर्यावरणीय स्वीकृति की शर्त का अनुपालन हो सके
के-लाइसेंस वाले करेंगे बिक्री
क्षेत्र के खनिज विकास पदाधिकारी के अनुसार सारण में पहलेजा, डोरीगंज, घेघटा और तेलपा घाट की बंदोबस्ती हुई. बस्ती के मालिक को रेत निकालने और बेचने का अवसर दिया गया है। खनन पर प्रतिबंध के बाद, केवल स्टॉक में संग्रहीत रेत को K परमिट का उपयोग करके बेचा जा सकता है। चूंकि सारण क्षेत्र में लाल बालू के खनन के लिए कोई घाट नहीं है, इसलिए बालू कारोबारियों द्वारा नदी चैनल के माध्यम से सोंग नदी से लाल बालू का खनन किया जाता है। इसमें कोई संदेह नहीं है कि अगले चार महीनों के लिए सरकार के खनन प्रतिबंध के बाद गरीबों को मुख्य भोजन के रूप में उपयोग करने के लिए ऊंचे दामों पर सफेद और लाल रेत खरीदनी होगी।
जिला खनीज विकास पदाधिकारी ने बताया कि जिला पदाधिकारी अमन समीर के निर्देश के आलोक में जिले के विभिन्न नदी घाटों पर सरकार द्वारा खनन पर रोक लगाये जाने के बाद प्रशासन व पुलिस की निगरानी बढ़ा दी गयी है.
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