पटना: बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने आज भागलपुर में सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल का उद्घाटन किया, जिसे लेकर विवाद खड़ा हो गया है। इस अस्पताल में मरीजों के भर्ती की कोई व्यवस्था नहीं है और जांच के लिए मरीजों को दो किलोमीटर दूर स्थित पुराने अस्पताल में भेजा जाएगा। विशेष रूप से, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का शिलापट्ट हटाकर जेपी नड्डा का बोर्ड लगा दिया गया। बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने इस पूरे उद्घाटन को ड्रामा करार देते हुए भागलपुर के लोगों के साथ मजाक बताया है। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने अपनी गलती नहीं सुधारी तो वे आंदोलन का रास्ता अपनाएंगे और सत्याग्रह करेंगे।

अश्विनी चौबे ने यह भी कहा कि जब केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने शुक्रवार को 200 बेड के सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल का उद्घाटन किया, तो वहां मरीजों के इलाज के लिए किसी प्रकार की व्यवस्था नहीं की गई है। सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल का मतलब होता है कि यहाँ पर अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध होंगी, लेकिन चौबे के अनुसार, अस्पताल में केवल कुछ विभागों की OPD ही चालू होगी और वह भी अपूर्ण रूप से। मरीजों को जांच और दवाइयों के लिए पुराने अस्पताल की ओर रेफर किया जाएगा, जिससे स्पष्ट होता है कि यह अस्पताल पूरी तरह से तैयार नहीं है।

चौबे ने यह भी उल्लेख किया कि अस्पताल का शिलान्यास 17 जनवरी 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था और उस समय का बोर्ड अस्पताल में लगा था। लेकिन, जेपी नड्डा के उद्घाटन से पहले इस बोर्ड को हटा दिया गया। यह बदलाव लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गया है।

अश्विनी चौबे ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से आग्रह किया है कि वे अगले तीन-चार महीनों में अस्पताल में सभी विभागों के चिकित्सकों और स्टाफ की व्यवस्था सुनिश्चित करें और मरीजों की भर्ती की सुविधा प्रदान करें। यदि सरकार ने ऐसा नहीं किया तो चौबे आंदोलन का निर्णय लेंगे और सत्याग्रह पर बैठेंगे।

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