पटना: शुक्रवार को भाजपा प्रदेश कार्यालय में आयोजित एक समारोह में पटना साहिब के पूर्व राजद प्रत्याशी राजेश कुमार भटकू ने अपने समर्थकों के साथ भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। शिक्षक दिवस के अवसर पर, सेवानिवृत्त शिक्षक संघ के नेता सरोज कुमार सहित कई शिक्षकों ने भी भाजपा की सदस्यता ली। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. दिलीप जायसवाल ने इन सभी का स्वागत किया और उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई। इस अवसर पर भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल और प्रदेश मीडिया सह प्रभारी अमीत प्रकाश भी मौजूद थे।
भाजपा का सदस्यता अभियान: तावड़े ने जताया गर्व
भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री और बिहार के प्रभारी विनोद तावड़े ने बताया कि 2 सितंबर से शुरू हुए भाजपा के “संगठन पर्व सदस्यता अभियान-2024” के तहत मात्र तीन दिनों में एक करोड़ से अधिक लोगों ने पार्टी की सदस्यता ली, जो कि एक नया रिकॉर्ड है। उन्होंने कहा कि इस अभियान को लेकर देशवासियों और कार्यकर्ताओं में शानदार उत्साह देखने को मिल रहा है।
तावड़े ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के कुशल नेतृत्व के कारण, सदस्यता अभियान में लोग सिर्फ पार्टी के सदस्य ही नहीं बन रहे हैं, बल्कि पार्टी की विचारधारा से प्रभावित होकर मिस्ड कॉल के माध्यम से भी जुड़ रहे हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि भाजपा निश्चित रूप से निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त करेगी।
पहले चरण का अभियान 25 सितंबर तक चलेगा, जबकि दूसरे चरण का अभियान 1 से 15 अक्टूबर तक चलेगा। तावड़े ने कहा कि आज भाजपा का संगठन कश्मीर से कन्याकुमारी तक फैला हुआ है और बिहार में भी पार्टी ने अच्छा प्रदर्शन किया है, जिसे आगे और बेहतर बनाया जाएगा। इस अभियान में भाग लेने के लिए देश और बिहार की जनता को सराहा गया।
राजद की नई गाइडलाइन पर भाजपा का तंज
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रभाकर मिश्र ने राजद की नई गाइडलाइन पर कटाक्ष करते हुए कहा कि हरा गमछा और मुरेठा की जगह हरी टोपी पहनने से राजद में कोई बदलाव नहीं आने वाला। उन्होंने कहा कि राजद सूखे पत्तों की तरह बिखरने के कगार पर है और यह बिखराव 2025 के विधानसभा चुनाव तक और तेज होगा।
मिश्र ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव का “कार्यकर्ता संवाद कार्यक्रम” वास्तव में “कार्यकर्ता विवाद कार्यक्रम” साबित होगा। उन्होंने टिप्पणी की कि पहले इसका नाम ‘कार्यकर्ता आभार यात्रा’ रखा गया था, लेकिन संख्या की कमी को देखते हुए नाम बदलकर ‘कार्यकर्ता संवाद कार्यक्रम’ कर दिया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि आम लोगों के साथ-साथ राजद कार्यकर्ताओं के मन में भी पार्टी की नीतियों और चाल-चलन को लेकर कई सवाल हैं।
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