पटना: पूर्व मंत्री श्याम रजक रविवार को जेडीयू में प्रवेश करेंगे. उन्होंने हाल ही में राजद छोड़ दिया था. वहीं, ऐसी अफवाहें भी उड़ी थीं कि वह जेडीयू में शामिल होंगे. JDU प्रदेश कार्यालय में अपराह्न 1 बजे मिलन समारोह का आयोजन किया गया है। मिलन समारोह में JDU के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा, जदयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा, ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव, जल संसाधन मंत्री विजय चौधरी, शिक्षा मंत्री सुनील कुमार व मद्य निषेध मंत्री रत्नेश सदा भी शामिल रहेंगे।

लालू यादव की पार्टी से शुरू किया था सियासी सफर

70 वर्ष के श्याम रजक धोबी जाति से आते हैं और वह जयप्रकाश नारायण द्वारा शुरू किये गये 1974 के आंदोलन से उभरे थे। RJD के गठन के बाद वह लालू प्रसाद यादव के साथ हो लिए। लालू यादव ने उन्हें राजनीति का ककहरा सिखाया। 1995 में RJD के टिकट से चुनाव लड़ा था। इसमें उन्हें जीत भी मिली। इसके बाद वह लालू के संगठन में भी पैठ बना ली थी। फुलवारी से उन्हें छह बार जीत मिली। आरजेडी में उन्हें राष्ट्रीय महासचिव का पद मिला था।

जानकारी के लिए बता दें कि 2009 में श्याम रजक ने आरजेडी के राष्ट्रीय महासचिव के पद से इस्तीफा दे दिया। वे जनता दल यूनाइटेड में शामिल हो गए और नीतीश कुमार के खासमखास हो गए। उन्हें अखिल भारतीय धोबी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में कार्य किया। नीतीश कुमार की सरकार में उन्हें मंत्री पद भी मिला। 2019 से 2020 तक श्याम रजक नीतीश सरकार में उद्योग मंत्री रहे।

2020 में JDU ने पार्टी से किया था निष्कासित

2020 विधानसभा चुनाव से पहले उन्होंने JDU में बगावत शुरू कर दी थी। फिर अगस्त 2020 में JDU ने ही उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया। इसके बाद वे फिर RJD में शामिल हुए। श्याम रजक को RJD में बड़ी जिम्मेवारी दी गई थी। श्याम रजक को फिर से RJD का राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया। हालांकि, श्याम रजक की RJD में एंट्री के कुछ दिनों बाद तेज प्रताप यादव ने मोर्चा खोल दिया था।

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